आवाज ए हिमाचल
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ितो को 7400 करोड़ रुपए मुआवजा बढ़ाने संबंधी केंद्र सरकार की याचिका को खारिय कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि लंबित दावों को पूरा करने लिए केंद्र सरकार आरबीआई के पास पड़े 50 करोड़ रुपए की राशि का इस्तेमाल किया जाए। दरअसल केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करते हुए गुहार लगाई थी कि वह अमरीकी कंपनी यूनियन कार्बाइड कॉरपोरेशन की उत्तराधिकारी फर्मों को अतिरिक्त 7844 करोड़ रुपए देने का आदेश दे। केंद्र ने तर्क दिया था कि 1984 के गैस पीड़ितों को 1989 के समझौते के तहत 715 करोड़ रुपए का मुआवजा अपर्याप्त था। लेकिन कोर्ट ने केंद्र की इस याचिका को खारिज कर दिया है।
गौरतलब है कि 1984 में दो दिसंबर की रात को भोपाल में यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री से हुई जहरीली गैस के रिसाव से रात को सो रहे हजारों लोग हमेशा के लिए मौत की नींद सो गए थे। इससे पूरे शहर में मौत का तांडव मच गया था। इस घटना में 16 हजार से अधिक लोग मौत के मुंह में समा गए थे। इतना ही नहीं करीब पांच लाख लोग जहरीली गैस के संपर्क में आने से सांस की समस्या, आंखों में जलन या अंधापन के शिकार हो गए थे। त्रासदी का असर लोगों की अगली पीढ़ियों तक ने को भुगतना पड़ रहा है।