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शिमला। हिमाचल प्रदेश में समय पर बारिश नहीं होने का असर दिखने लगा है। छह जिलों में 33 फीसदी तक रबी फसलें तबाह हुई हैं। इन जिलों में बिलासपुर, हमीरपुर, मंडी, शिमला और सिरमौर शामिल हैं। अन्य पांच जिलों में 33 फीसदी से नीचे फसलों को नुकसान पहुंचा है। अब तक 9,462 लाख रुपये के नुकसान का अनुमान है। राज्यभर से फील्ड से आई अधिकारियों की रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है।
प्रदेश के सिर्फ दो जिले किन्नौर और लाहौल स्पीति ऐसे हैं, जहां के कृषकों को नुकसान नहीं हुआ है। मौसम की सबसे अधिक मार बारिश पर आधारित क्षेत्रों पर पड़ी है। गेहूं, जौ और मटर की फसलें बारिश नहीं होने से प्रभावित हुई हैं। प्रदेश के 10 जिलों में कुल 4,01,853 हेक्टेयर भूमि में रबी फसलों की बिजाई होती है। इसमें से 85538.20 हेक्टेयर भूमि में 15 से 33 फीसदी तक फसलों को नुकसान हुआ है। हमीरपुर में सबसे अधिक 2857.78 लाख रुपये का नुकसान हो चुका है।
राज्य के कृषि निदेशक डॉ. राजेश कौशिक कहते हैं कि समय पर बारिश न होने से दो जिलों को छोड़कर अन्य सभी दस जिलों में रबी फसलों को कुल 9462.13 लाख का फसली नुकसान हुआ है। इनमें गेहूं, जौ और मटर की फसल प्रमुख हैं। ये वही क्षेत्र हैं, जहां के किसान सिंचाई के लिए पूरी तरह से बारिश पर निर्भर हैं।
जिला आर्थिक नुकसान लाख में
बिलासपुर 775.78
चंबा 229.38
हमीरपुर 2857.78
कांगड़ा 571.01
कुल्लू 61.96
मंडी 1544.00
शिमला 1657.15
सिरमौर 822.17
सोलन 849.29
ऊना 93.62