आवाज़ ए हिमाचल
धर्मशाला। सीबीएसई बोर्ड की तर्ज पर अब हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड भी टर्म परीक्षा प्रणाली को बंद कर सकता है। हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ (एचजीटीयू) की मांग पर स्कूल शिक्षा बोर्ड प्रदेश सरकार को जल्द ही इसका प्रस्ताव भेजेगा। इसके अलावा उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन करने वाले अध्यापकों से लेकर बोर्ड परीक्षा में ड्यूटी देने वाले कर्मियों का भी मानदेय बढ़ाने पर बोर्ड विचार करेगा। जानकारी के अनुसार स्कूली शिक्षा में गुणवत्ता व एकरूपता बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ ने शिक्षा बोर्ड अध्यक्ष एवं जिलाधीश कांगड़ा निपुण जिंदल तथा शिक्षा बोर्ड सचिव विशाल शर्मा के साथ बैठक की।
बैठक में राज्य अध्यक्ष विरेंदर चौहान ने शिक्षा, शिक्षक और बच्चों से जुड़े 29 सूत्री एजेंडे को बोर्ड मंडल के समक्ष रखा। इस दौरान उन्होंने राज्य भर से राजधानी शिमला में शिक्षा संबंधी कार्यों के लिए आने के लिए शिक्षक भवन निर्माण की मांग को रखा, जिस पर बोर्ड अध्यक्ष ने पूर्ण विचार विमर्श कर शीघ्र शिमला में छह कनाल में भव्य बहुमंजिला भवन बनाने को स्वीकृति प्रदान की। वहीं उन्होंने टर्म परीक्षा प्रणाली को सीबीएसई की तर्ज पर खत्म करते हुए वार्षिक प्रणाली शुरू करने की मांग की। साथ ही बोर्ड में सभी तरह के विषयों के विशेषज्ञ नियुक्त करने और परीक्षाओं में सभी प्रश्न केवल एनसीईआरटी पुस्तकों से ही पूछे जाने का सुझाव दिया। इसके अलावा व्याकरणीय ज्ञान वृद्धि के लिए भाषा विषयों में व्याकरण के प्रश्न 15 के बजाय 20 अंकों के दल को शामिल करने की बात कही।
शिक्षक संघ की चिरकाल से लंबित मांगों में प्रश्न पत्र संग्रह व उत्तर पुस्तिका जमा करवाने के लिए केंद्र व्यावहारिक परिस्थितियों को ध्यान में रख कर बनाने की मांग की, जिस पर प्रबंधन ने उचित ठहराते हुए इसे हल करते हुए शिक्षकों को बहुत बड़ी राहत दी। वहीं राज्य प्रेस सचिव संजय चौधरी ने बताया कि ऐसी मांगें शिक्षक व शिक्षा हित में सभी प्रकार के वर्गों के शिक्षकों के लिए लाभदायक रहेंगी। इसके अलावा पेपर चेकिंग में 10वीं और 12वीं के लिए क्रमश: 9.50 व 11.50 रुपये बढ़ाया गया। सुपरिडेंट, डिप्टी सुपरिंटेंडेंट के मानदेय में 10 रुपये, पेपर सिटिग प्लान व क्लास फोर के मानदेय में भी वृद्धि की बात कही गई।