आवाज़ ए हिमाचल
यशपाल ठाकुर, परवाणू। प्रदेश के सवर्णों के अधिकारों को लेकर प्रदेश देवभूमि स्वर्ण संगठन द्वारा निकाली गई मशाल यात्रा अपने पुरे लाव लश्कर के साथ सोमवार को परवाणू पहुंची। परवाणू के बाद यह मशाल यात्रा अपने अगले पड़ाव धर्मपुर, कुमारहट्टी, सोलन होते हुए शिमला के लिए रवाना हुई। देवभूमि स्वर्ण संगठन की इस मशाल यात्रा की अध्यक्षता संगठन के प्रदेश अध्यक्ष मदन ठाकुर कर रहे हैं।
इस अवसर पर देवभूमि स्वर्ण संगठन के प्रदेश अध्यक्ष ने परवाणू में मीडिया से बात करते हुए बताया कि यह मशाल यात्रा 17 फरवरी को धर्मशाला से चली थी, जिसका एक मात्र उद्देश्य प्रदेश के स्वर्ण समाज को एक मंच पर लाना और उनके अधिकारों की आवाज़ उठाना है। मदन ठाकुर ने कहा कि हमारी यह यात्रा धर्मशाला से दिल्ली व अब दिल्ली से शिमला की और जा रही है। एक मार्च को वे दिल्ली पहुंचे जहां उन्होंने महामहिम राष्ट्रपति व देश के प्रधानमन्त्री को अपना ज्ञापन सौंपा।मदन ठाकुर ने कहा की बीते दिन प्रदेश के मुख्यमंत्री ने स्कूल में पढ़ने वाले स्वर्ण समाज के बच्चों को वर्दी, किताबे न देने का निर्णय कर प्रदेश के बच्चों में अभी से जाति का जो जहर घोलने का कार्य किया है, वह निंदनीय है। मदन ठाकुर ने कहा कि वर्तमान सुक्खू सरकार यह कहकर सत्ता में आई थी कि वह सत्ता परिवर्तन नहीं बल्कि व्यवस्था परिवर्तन करने आई है, लेकिन स्वर्णो के बच्चो को वर्दी व किताबे बंद कर यह कौन सी व्यवस्था परिवर्तन करना चाहते हैं। उन्होंने कहा की वे प्रदेश के मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू से पूछना चाहते हैं कि क्या स्वर्ण समाज के बच्चे आर्थिक रूप से कमज़ोर नहीं होते। यदि सरकार व्यवस्था परिवर्तन करना चाहती है तो आर्थिक स्थिति को आधार बनाकर कार्य करें और सभी को एक समान अधिकार दिलवाएं।
मदन ठाकुर ने कहा कि उनकी यात्रा का कोई भी राजनैतिक उद्देश्य नहीं है। इस संगठन से जुड़ा एक भी व्यक्ति अपने जीवन में चुनाव नहीं लड़ेगा। हमारा एकमात्र उद्देश्य प्रदेश व देश में चरमराई संवैधानिक व्यवस्था को बदल कर सभी को एक समान अधिकार दिलाना है। हमारा उदेश्य सभी को समानता दिलवाना है, जैसा की संविधान निर्माता बाबा भीम राव आंबेडकर करना चाहते थे। प्रदेश अध्यक्ष मदन ठाकुर ने बताया कि इस मशाल यात्रा में जो भी हमारे साथ जुड़े हुए हैं वह अपने मन से जुड़े हुए हैं और आगे भी जो जुड़ेंगे वह अपनी इच्छा से जुड़ेंगे। मदन ठाकुर ने प्रदेश वासियों से आह्वाहन किया कि वह सभी उनकी इस समानता की लड़ाई में साथ दें और अपने बच्चों के भविष्य का नवनिर्माण करें अन्यथा आने वाली पीढ़िया आपको कोसती रहेंगी।