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मनीष ठाकुर, भरमौर/चंबा। जिला चंबा के भरमौर में आखिरकार 19 दिन बाद लूणा ब्रिज वाहनों के लिए बहाल हो गया। बुधवार को लूणा ब्रिज छोटे और बड़े वाहनों की आवाजाही के लिए खोल दिया गया है। बता दें कि 4 फरवरी को यहां पर भारी लैंडस्लाइड के चलते पुराना कंक्रीट का ब्रिज पूरी तरह से धराशायी हो गया था। पुल के धराशायी होने के कारण यहां पर छोटे और बड़े वाहनों की आवाजाही भी पूरी तरह बंद हो गई थी। लिहाजा लोगों को यहां से पैदल ही अपना सामान एक जगह से दूसरी जगह उठाकर ले जाना पड़ रहा था। प्रशासन व सरकार पर इस पुल को जल्द बनाने का भारी दबाव था। लिहाजा बाहर से आए कामगारों ने यहां पर दिन रात काम करके 19 दिन बाद पुल बनाकर तैयार कर दिया है।
होली के चोली पुल का काम भी जल्द ही करेंगे शुरू
बताया जा रहा है कि इस पुल के निर्माण में जेएस हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट का बहुत बड़ा हाथ रहा। उसकी मदद से ही यह पुल इतनी जल्दी बन सका। लूणा पुल के निर्माण में प्रशासन द्वारा जो भी आदेश कंपनी को दिए वह कंपनी ने हर संभव मदद करके इस पुल को बनाने में सहयोग दिया है। वहीं अब इस पुल के बनने के बाद अब चोली का पुल बनाया जाएगा। लूणा ब्रिज को बना रही मैकेनिकल टीम ने बताया कि होली के चोली ब्रिज के लिए कोलकाता से सामान आ गया है और एक सप्ताह बाद यहां पहुंच जाएगा। उसके बाद चोली पुल का काम भी युद्ध स्तर पर शुरू कर दिया जाएगा।
जेएस हाइड्रो कंपनी मदद नहीं करती तो लगता ज्यादा समय
जानकारी के अनुसार JS हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट इस पुल के निर्माण में मदद नहीं करती तो इस पुल को बनने में अभी और समय लगता है। किस मूल के निर्माण में प्रशासन द्वारा जो भी आदेश कंपनी को दिए कि कंपनी ने यहां पर हर संभव मदद करके इस पुल को बनाने में सहयोग दिया है वहीं पर करें के द्वारा यहां पर सभी सुविधाएं मुहैया कराने की भी प्रसिद्ध कोशिश कीजिए।
वही स्कूल के बनने के बाद ही चोली का पुल बनाया जाएगा। लूणा ब्रिज को बना रही मैकेनिकल टीम ने कहा है कि होली के चोली ब्रिज के लिए कोलकाता से सामान आ गया है और 1 सप्ताह बाद यहां पहुंच जाएगा, उसके बाद चोली पुल का काम भी युद्ध स्तर पर शुरू कर दिया जाएगा। वही लोगों ने पुलिस विभाग का बहुत-बहुत धन्यवाद किया है।
88वां वैली ब्रिज बनाकर पेश की है नई मिसाल
मैकेनिकल SDO भीमसेन नेगी ने 88वां पुल यहां पर बनाकर हिमाचल प्रदेश में अपना नाम फिर से चमकाया है। स्वयं भीम सिंह नेगी इसकी पुष्टि करते हुए बताया है यह उनका 88वां वैली ब्रिज है। इस काम को अंजाम तक पहुंचाने के लिए मैकेनिकल टीम सबडिवीज़न चंबा और किन्नौर की टीम ने लगातार दिन रात मेहनत करके जल्दी से जल्दी आवाजाही के लिए खोला गया है।