कर्मचारी चयन आयोग भंग करना समाधान नहीं, वैकल्पिक व्यवस्था करे सरकार: जयराम ठाकुर

Spread the love

बोले- चैयरमैन-सदस्य हटाने के लिए भंग किया बोर्ड

आवाज़ ए हिमाचल 

शिमला। भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने शिमला में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि हमीरपुर कर्मचारी चयन आयोग में जो भी दोषी पाया जाए, उसके ऊपर सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए और जो इन्वेस्टिगेशन प्रोसेस चल रहा है, उसमें विलंब नहीं होना चाहिए। हमारी सरकार से यही मांग है कि चयन आयोग में 39 कोड के अंतर्गत लगभग 4000 नौजवानों की भर्ती प्रक्रिया में विलंब हो रहा है, उनके भविष्य को ध्यान में रखना चाहिए और जल्द से जल्द एक अल्टरनेट मैकेनिज्म सरकार को धरातल पर लेकर आना चाहिए। जैसे-जैसे भर्ती प्रक्रिया में विलंब हो रहा है वैसे वैसे युवाओं की उम्र भी बढ़ रही है और कहीं लोग एग्जाम देने में एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया से बाहर हो रहे हैं। यह चिंता का विषय है।

जयराम ठाकुर ने सरकार से सवाल पूछते हुए कहा कि कर्मचारी चयन आयोग को बंद करने से क्या समस्या का समाधान हो जाता है? किसी भी संस्था में अगर अनियमितता पाए जाए तो उसको बंद करना समस्या का समाधान नहीं है। सरकार यह भी बताए कि अगर कोई वैकल्पिक प्रक्रिया को खड़ा किया जाता है तो क्या गारंटी है कि वह निष्परक्ष रूप से पारदर्शिता के साथ कार्य करेगी। आज अगर ट्रांसपोर्ट विभाग में एक स्कूटर के नंबर को लेकर अनियामिता पाई गई है तो क्या ट्रांसपोर्ट विभाग ही बंद कर देंगे। उन्होंने कहा कि अक्टूबर 1998 में तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल द्वारा हिमाचल प्रदेश में अधीनस्थ सेवाएं चयन बोर्ड का गठन किया गया था और उसके बाद 2016 में इसका नाम बदलकर कर्मचारी चयन आयोग रखा गया था। इसका गठन इसलिए किया गया था, क्योंकि एक कमेटी की रिपोर्ट आई थी, जिसके अंतर्गत यह पाया गया था कि हिमाचल प्रदेश में क्लास 3 और क्लास 4 की भर्तियों में काफी अनियमितताओं का सामना करना पड़ रहा था और इसमें कई प्रकार की धांधली भी हो रही थी। तब से यह चयन आयोग एक बड़ी भूमिका निभा रहा है। आज आयोग के बंद होने से युवाओं को अब शिमला के चक्कर काटने पड़ेंगे। हमीरपुर एक ऐसा स्थान था जो हिमाचल का सेंटर पॉइंट भी माना जाता है, यहां आवागमन आसानी से किया जा सकता है।

जयराम ठाकुर ने कहा कि पेपर लीक में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह ऊपर से नीचे तक के लोग सम्मिलित हैं, की बात कर रहे हैं। यह एक स्पष्ट वाक्य नहीं है। इस आयोग में सचिव के माध्यम से ही सारी भर्तियां होती हैं और अगर सचिव के ऊपर आरोप साबित होते तो सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए। पर कहीं न कहीं लगता है कि केवल मात्र इस बोर्ड के चेयरमैन और सदस्यों को हटाने के लिए यह आयोग को बंद किया गया है। बता दें कि चयन प्रक्रिया में बोर्ड के चेयरमैन और सदस्य की कोई भूमिका नहीं होती है। उन्होंने कहा कि प्रदेशभर में यह सरकार कई टेंडर्स के टर्म एंड कंडीशन को बदलने का प्रयास कर रही है और यह गलत है। इसका हम विरोध करते हैं। कई टेंडर्स तो ऐसे हैं, जिसमें केंद्र सरकार का भी हिस्सा है। उसके साथ खिलवाड़ नहीं करना चाहिए।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *