जन्म-मृत्यु रूपी रोग की परम-औषधि है शिवपुराण महाकथा: स्वामी राम दास 

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आवाज़ ए हिमाचल 

बबलू गोस्वामी, नादौन। जिला हमीरपुर के खण्ड नादौन में स्थित पूज्य मौनी बाबा कुटिया-सुकराला (फतेहपुर) में विगत दिवस से शिव महापुराण कथा का आयोजन परम-पिता महादेव के साथ आत्म-भाव जागृत और सुदृढ़ करने के लिए अतिशय भक्तिभावपूर्ण वातावरण में किया गया। इस कार्यक्रम में स्वामी रामदास जी महाराज (सप्त सरोवर ऋषि आश्रम हरिद्वार) ने व्यासपीठ से शिव कथा अमृत का पान करवाया। विदित रहे कि 12 से 19 फरवरी तक प्रतिदिन दोपहर 12बजे से 4 बजे तक शिवपुराण महाकथा का पारायण किया जाएगा।

कथा के प्रथम दिवस स्वामी रामदास जी महाराज ने बताया कि मनुष्य संसार रूपी सागर में सुख-दुख जैसी भिन्न भिन्न परिस्थितियों रूपी तरंगों में हिलोरे ले रहा है। मनुष्य का जन्म इस संसार रूपी सागर का एक तट है और मृत्यु दूसरा तट है। जिस प्रकार समुद्र के एक तट से दूसरा तट दिखाई नहीं देता है, उसी प्रकार मनुष्य भी जन्म रूपी तट से मृत्यु रूपी दूसरे तट तक नहीं देख पाता है और इस संसार रूपी सागर में मृत्यु रूपी तट को भूलकर संसाररूपी सागर के जाल में फंस कर हिलोरे लेता रहता है, परंतु महादेव की महाकथा के श्रवण से मनुष्य जन्म-मृत्यु के बंधन से मुक्ति पाकर मोक्ष को प्राप्त करता है। इसके अतिरिक्त स्वामी रामदास ने शिव की सगुण पूजा, निर्गुण पूजा, लिंग शब्द का अर्थ, लिंग की उत्पत्ति का रहस्य, शिवपुराण का संक्षिप्त परिचय, 12 संहिताएं और उनका परिचय, धर्म का अर्थ और लक्षण, सांख्य दर्शन के 26 तत्वों का परिचय सहित अनेक लौकिक-अलौकिक कथाओं के सरल माध्यम से शिव की महिमा का वर्णन श्रद्धेय-साधकों तथा समस्त श्रद्धालुओं को करवाया।

इस उपलक्ष्य पर प्रबंध-कार्यकारिणी समिति मौनी बाबा कुटिया फतेहपुर के समस्त सदस्यों सहित प्रो. रत्नचंद शर्मा, नरेश मलोटिया शास्त्री, निकेश कुमार शर्मा, मनीष ठाकुर, रमन कुमार प्रवक्ता ( जीव-विज्ञान), अनिल कुमार, अशोक कुमार, कमलनयन, संजीव कुमार शास्त्री, देवराज शर्मा, बाबू राम शर्मा, किशोरी लाल, दिनेश, ओमप्रकाश, राजेंद्र कुमार, सतीश कुमार, रविंद्र सिंह इत्यादि गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

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