आवाज़ ए हिमाचल
शांति गौतम, बीबीएन। पहाड़ी क्षेत्र स्थित साईंश्वर महादेव मंदिर में चल रही राम कथा ज्ञान यज्ञ के दौरान व्यास मानस ऋषि का सुनीता शास्त्री जबलपुर मध्य प्रदेश ने अपने मुखारविंद से राम कथा प्रवचन की अमृत वर्षा करके कथा के दूसरे दिन सभी भक्तों को कथा के माध्यम से समझाया कि संतों के प्रवचन सर्वोपरि होते हैं उनके द्वारा बताए गई भक्ति पर हमें अमल करना चाहिए और उन द्वारा बताई गई बातों पर हमें अपने जीवन में अमल करना चाहिए।
इस कथा के दौरान उन्होंने रामचरितमानस और बाल्मीकि रामायण की रचना कब हुई और इसकी रचना पहले हुई इसके बारे में भी सभी राम भक्तों को अपने मुखारविंद से समझाया। उन्होंने कहा कि हमें रामकथा को अपने जीवन में उतारने के लिए श्रद्धा और भक्ति हमारे अंदर होनी चाहिए। अगर हमारे अंदर श्रद्धा और भक्ति न हो तो सभी कथाओं का आनंद जीवन में उतारना हमारे लिए बहुत कठिन होगा।
उन्होंने सभी भक्तों को कथा के माध्यम से समझाया कि आपके पहाड़ी क्षेत्र साई का वातावरण को देखते हुए और एकांत बड़ी-बड़ी पहाड़ियों में स्थित साईं ईश्वर महादेव मंदिर जिसमें नर्वदेश्वर विराजमान है। ऐसे क्षेत्र में भक्ति करना बहुत आसान है क्योंकि यहां पर कोई शोर-शराबा नहीं है और यहां का वातावरण भी बहुत साफ है। इस क्षेत्र में धार्मिक व सामाजिक कार्य कर रही शिव मंदिर प्रबंधक कमेटी इस पूरे क्षेत्र की शोभा है जो प्रतिवर्ष महाशिवरात्रि के उपलक्ष में एक भव्य विशाल शिव मंदिर में दूर-दूर से कथा व्यास को बुलाकर आप लोगों को कथा के माध्यम से भक्ति मार्ग पर चलने के लिए मेहनत करते हैं। उन्होंने कहा कि भव्य विशाल शिव मंदिर को देखते हुए मैं शिव मंदिर प्रबंधक कमेटी को अपनी तरफ से बहुत-बहुत बधाई देती हूं, जिन्होंने ऐसे पहाड़ी क्षेत्र में लोगों से ₹1 इकट्ठा करके इतना विशाल और भव्य शिव मंदिर का निर्माण किया है और बहुत ही कम समय में मुझे विश्वास है कि इस पूरे क्षेत्र पर भगवान शिव का पूरा आशीर्वाद है।