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रामपुर। राजधानी शिमला के रामपुर में एक बच्चे की टीका लगाने के बाद मौत हो गई। मृतक बच्चे के पिता ने अस्पताल में तैनात नर्स पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने आरोप लगाते हुए खनेरी अस्पताल की नर्स के खिलाफ केस दर्ज कराया है। आरोप है कि नर्स के इंजेक्शन लगाने के बाद ही उनके बेटे की हालत बिगड़ गई। वहीं रामपुर थाना पुलिस ने शिकायत के आधार पर केस दर्ज करके जांच शुरू कर दी है।
जानकारी के अनुसार किन्नौर जिले की सांगला तहसील के कनाई गांव निवासी सेमल सिंह ने पुलिस को सौंपी शिकायत में बताया कि 3 फरवरी को वह अपने 6 वर्षीय बेटे अरिंदम को अस्पताल लेकर पहुंचा था। उसके बेटे को खांसी हो रही थी। अस्पताल में चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉ. हरीश नेगी ने बच्चे की जांच की और पर्ची पर दवाइयां लिख कर उसे अस्पताल में भर्ती करने को कहा। सेमल के अनुसार वह अरिंदम को वार्ड नंबर 68 में खाली बेड पर ले गए, जहां नर्स ने अरिंदर को एक इंजेक्शन लगाया, लेकिन इंजेक्शन लगते ही अरिंदम सिंह बुरी तरह से छटपटाकर कर उठ गया। उसे मुंह से खून निकलने लगा। सेमल तुरंत अरिंदर को लेकर डॉ. हरीश नेगी के पास पहुंचा।
डॉक्टर ने तुरंत बच्चे का ईसीजी करवाई तो अरिंदम की हार्ट बीट बहुत ज्यादा थी। सेमल ने बताया कि अरिंदर की गंभीर स्थिति को देखते हुए डॉक्टर नेगी ने उसे आईजीएमसी शिमला रेफर कर दिया। आईजीएमसी शिमला में अरिंदम को आईसीयू में एडमिट किया गया। बच्चे की नाजुक हालत को देखते हुए तुरंत हृदय रोग विशषज्ञ द्वारा बच्चे की इको कराई गई, जिसमें पता चला कि उसके हार्ट ने पंप करना बंद कर दिया है। हृदय क्षतिग्रस्त हो चुका है। जिससे चिकित्सकों ने उसे वेंटिलिटर पर रख दिया। लेकिन 6 फरवरी को शाम 5 बजे डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया।
अंतिम संस्कार करने के बाद रामपुर थाना में शिकायत दर्ज कराई गई। इसमें 3 फरवरी को ख़नेरी अस्पताल के वार्ड नंबर 68 में जो स्टाफ नर्स ड्यूटी पर थी, उसके खिलाफ धारा 304 के तहत मामला दर्ज करके करवाई की मांग की गई है। मामले की पुष्टि करते हुए डीएसपी चंद्र शेखर ने की। वहीं खनेरी अस्पताल रामपुर के कार्यकारी एमएस डॉ पदम शर्मा ने कहा कि 6 साल के बच्चे की मौत का मामला सामने आया है। अस्पताल प्रबंधन जल्द ही कमेटी का गठन कर मामले की जांच करेगी।
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