आवाज़ ए हिमाचल
शिमला। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने नई दिल्ली में केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री परषोत्तम रूपाला से भेंट की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि प्रदेश में दुग्ध उत्पादन क्षेत्र को राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम (एनपीडीडी) के तहत बृह्द स्तर पर सुदृढ़ किया जाएगा ताकि हिमाचल, देश का दुग्ध उत्पादक राज्य बनकर उभरे। सुक्खू ने केंद्रीय मंत्री से राज्य के लिए अभिशीतन, परिवहन और डेयरी उत्पादों से संबंधित एक समग्र डेयरी परियोजना का आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि गांवों में दुग्ध एकत्रीकरण के बाद क्लस्टर स्तर पर चिलिंग प्वाइंट स्थापित किए जायेंगे।
इन चिलिंग प्वाइंट्स से प्रशितित (रेफ्रिजेरेटेड) दुग्ध वाहन के माध्यम से दूध को जिला स्तर पर स्थापित मुख्य संयंत्र तक पहुंचाया जाएगा। उन्होंने कहा कि अत्याधुनिक तकनीक से विभिन्न दुग्ध उत्पाद तैयार करने पर विशेष बल दिया जाएगा, ताकि किसानों को उनके उत्पाद का उचित मूल्य मिल सके। प्रदेश के दुग्ध उत्पादकों को सहकारी क्षेत्र के प्रबंधन कौशल की बारीकियां सीखने के लिए गुजरात भ्रमण पर भेजा जाएगा। इस अवसर पर मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी, मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार सुनील शर्मा बिट्टू, केएस बांशटू, आवासीय आयुक्त मीरा मोहंती, मुख्यमंत्री के प्रधान निजी सचिव विवेक भाटिया और केंद्रीय मंत्री के निजी सचिव राम सिंह भी उपस्थित थे।
पशुधन बीमा योजना का 15 करोड़ बकाया मांगा
केंद्रीय मंत्री ने आश्वस्त करते हुए कहा कि विस्तृत परियोजना रिपोर्ट प्राप्त होने के पश्चात इस परियोजना के लिए धनराशि उपलब्ध करवाई जाएगी। सुक्खू ने केंद्रीय मंत्री को अवगत करवाया कि प्रदेश की लगभग 90 प्रतिशत जनसंख्या ग्रामीण क्षेत्रों में रहती है और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने में पशुपालन और दुग्ध व्यवसाय महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री के समक्ष पशुधन बीमा योजना के तहत राज्य को लगभग 15 करोड़ रुपए की लंबित राशि जारी करने का मामला भी उठाया।