आवाज़ ए हिमाचल
नई दिल्ली। रेलवे के निजीकरण की अटलकों पर केंद्रीय रेल मंत्री अश्वनी कुमार वैष्णव ने विराम लगा दिया है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि रेलवे के निजीकरण को लेकर भ्रम फैलाया जा रहा है, इसलिए वह स्पष्ट करना चाहते हैं कि रेलवे का निजीकरण नहीं किया जाएगा। रेल मंत्री अश्वनी कुमार वैष्णव ने बुधवार को लोकसभा में पूरक प्रश्न के जवाब में यह जानकारी दी और कहा कि सरकार करीब 1200 रेलवे स्टेशनों का पुनरुद्धार कर रही है जिनमें 1190 स्टेशनों पर चल रहा निर्माण कार्य पूरी तरह से सरकारी पैसे से किया जा रहा है। इस काम में कहीं कोई निजी भागीदारी नहीं है।
उन्होंने कहा कि यदि सरकार की रेलवे के निजीकरण की योजना होती और उसे निजीकरण करना होता तो फिर इतना पैसा रेलवे स्टेशनों के विकास पर खर्च करने की जरूरत नहीं थी। रेल मंत्री ने एक अन्य सवाल के जवाब में कहा कि रेलवे का विकास इस ढंग से हो रहा है कि हर स्टेशन यातायात संसाधनों में मुख्य भूमिका निभाए। अब जो रेलवे स्टेशन विकसित किए जा रहे हैं, उन पर 50 साल तक काम करने की जरूरत नहीं होगी। उनका कहना था विकसित देशों में इस तरह की परियोजनाओं पर तीन से चार साल का समय लगता है लेकिन भारत सरकार ने इन्हें दो से तीन साल में पूरा करने का लक्ष्य तय किया है।