आवाज़ ए हिमाचल
शिमला। जूनियर ऑफिस असिस्टेंट (जेओए) आईटी पेपर लीक की अंतिम जांच रिपोर्ट विजिलेंस इसी हफ्ते राज्य सरकार को सौंपेगी। इस मामले में अब तक आठ लोगों की गिरफ्तारी की गई है। इनमें से चार लोगों को कोर्ट से जमानत मिली है। हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग की मुख्य आरोपी वरिष्ठ सहायक उमा आजाद, उनके दोनों बेटे और दलाल संजीव एक महीने से न्यायिक हिरासत में हैं। अब आयोग के एक बड़े अधिकारी पर भी गाज गिर सकती है। विजिलेंस ने इस अधिकारी पर कार्रवाई के लिए सरकार से अनुमति मांगी है। अब राज्य सरकार को इस पर फैसला लेना है।
उल्लेखनीय है कि आयोग की 25 दिसंबर 2022 को होने वाली पोस्ट कोड 965 जेओए आईटी भर्ती की लिखित परीक्षा का पेपर दो दिन पहले लीक हो गया था। जिस महिला पर पेपर लीक करने का आरोप है, वह आयोग की गोपनीय शाखा में वरिष्ठ सहायक के पद पर लंबे समय से कार्यरत है। एक अभ्यर्थी की शिकायत पर विजिलेंस ने महिला और उसके बेटों समेत आठ लोगों को गिरफ्तार कर भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है। मामले में महिला कर्मचारी और दलाल की मिलीभगत सामने आई है। आरोप है कि दलाल ने एक अभ्यर्थी से प्रश्नपत्र के बदले ढाई लाख रुपये मांगे। दलाल अभ्यर्थी को महिला कर्मचारी से मिलवाने उसके घर ले गया था। एडीजी विजिलेंस सतवंत अटवाल ने कहा कि दो से तीन दिन के भीतर अंतिम जांच रिपोर्ट सरकार को भेजी जानी है।
319 पदों के लिए 1,03,344 अभ्यर्थियों ने देनी थी परीक्षा
आयोग ने मई 2022 में 198 पदों के लिए आवेदन मांगे थे। अक्तूबर में 121 पद और जोड़े गए। 319 पदों के लिए 476 परीक्षा केंद्रों में 25 दिसंबर 2022 को 1,03,344 अभ्यर्थियों ने परीक्षा देनी थी।