ड्रोन से 35 मिनट में जोगिंद्रनगर से नेरचौक लैब पहुंच रहे मरीजों के सैंपल

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आवाज़ ए हिमाचल

30 जनवरी।सिविल अस्पताल जोगिंद्रनगर में ड्रोन क्रांति से स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार होने लगा है। क्रस्ना लैब ने तीसरे दिन भी ड्रोन से 60 सैंपल नेरचौक स्थित प्रयोगशाला भेजे। अब तक 300 से अधिक मरीजों के सैंपल जोगिंद्रनगर से नेरचौक भेजे जा चुके हैं। वहां सैंपलों की जांच होने के बाद रिपोर्ट तुरंत ऑनलाइन मिलने से मरीजों का
सिविल अस्पताल जोगिंद्रनगर में ड्रोन क्रांति से स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार होने लगा है। क्रस्ना लैब ने तीसरे दिन भी ड्रोन से 60 सैंपल नेरचौक स्थित प्रयोगशाला भेजे। अब तक 300 से अधिक मरीजों के सैंपल जोगिंद्रनगर से नेरचौक भेजे जा चुके हैं। वहां सैंपलों की जांच होने के बाद रिपोर्ट तुरंत ऑनलाइन मिलने से मरीजों का तत्काल उपचार शुरू हो रहा है। इससे पहले तीसरे दिन अस्पताल में मरीजों की रिपोर्ट पहुंचती थी।
ऐसे में गंभीर बीमारी से पीड़ित मरीजों के उपचार में भी देरी हो जाती थी। अस्पताल की दो प्रयोगशालाओं में करीब ढाई सौ सैंपल लेने की सुविधा है। अस्पताल की सरकारी और सरकार की ओर से अधिकृत क्रस्ना लैब में नि:शुल्क सैंपल की सुविधा भी उपलब्ध है। क्रस्ना लैब की प्रभारी सरिता ठाकुर ने बताया कि शनिवार से नेरचौक स्थित मेडिकल कॉलेज में सैंपल रिपोर्ट के लिए भेजना शुरू कर दिए थे।बीते तीन दिन में करीब 300 मरीजों की रिपोर्ट समय पर पहुंची है। सोमवार को भी 60 सैंपल नेरचौक भेजे। इनकी मरीजों को ऑनलाइन रिपोर्ट दी गई। उन्होंने बताया कि ड्रोन से 35 मिनट में सैंपल नेरचौक स्थित लैब में पहुंच रहे हैं, जबकि पहले सड़क से डेढ़ से दो घंटे का समय लग जाता था। सबसे बड़ी दिक्कत हाईवे में जाम से होती थी।अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्साधिकारी डॉ. रोशन लाल कौंडल ने बताया कि ड्रोन क्रांति स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार लाने के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। सीएमओ मंडी डॉ. देवेंद्र शर्मा ने बताया कि नागरिक अस्पताल जोगिंद्रनगर से नेरचौक मेडिकल कॉलेज तक ड्रोन से सैंपल पहुंचने से मरीजों को रिपोर्ट का इंतजार खत्म हो गया है। अब ऑनलाइन मरीजों को तत्काल रिपोर्ट मिल रही है। इससे उपचार भी समय पर शुरू हो रहा है।

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