आवाज़ ए हिमाचल
तरसेम जरियाल , धर्मशाला। गद्दी एजुकेशन मिशन सपोर्ट (GEMS) न्यास के बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज की तिमाही बैठक वर्चुअल माध्यम से गत दिवस सम्पन्न हुई, जिसमें न्यासी बोर्ड की अध्यक्षा उषा चाढ़क के अलावा निम्नलिखित सदस्यों ने भाग लिया। इस बैठक में डॉ. केहर सिंह, डॉ. अंजु कपूर, सूँक़ा राम शर्मा, रमेश चंद पठानिया, शिव राज शर्मा, सुनील कुमार मन्हास, अमित कुमार, संजय चारक आदि ने भाग लिया।
न्यास के संस्थापक एवं मानद प्रमुख कार्यकारी संजय चारक ने अपनी गद्दी भाषा में सबका स्वागत किया और वित्तीय पिछली तिमाही के दौरान हुए कार्यों के साथ साथ वर्ष 2022-23 के दौरान हुई प्रगति पर विस्तृत प्रस्तुतीकरण प्रस्तुत किया। सभी सदस्यों ने न्यास की प्रगति पर संतोष व्यक्त किया। सदस्यों ने उन बिंदुयों पर और अधिक मेहनत करने का प्रण लिया जहां प्रगति अपेक्षा से कम हुई है।
विदित हो कि यह संस्था ऐसे सभी बच्चों के लिए काम कर रही हैं जो जिंदगी में किसी भी तरह का मुकाम हासिल करना चाहते हैं, परंतु संसाधनों के अभाव में अपने प्रयास बीच में ही छोड़ देना चाहते हैं या अपना लक्ष्य बदल देते हैं। ऐसे बच्चों के लिए GEMS 2020 से निरंतर काम कर रहा है तथा अब जिसके सुखद परिणाम सामने आने लगे हैं । संसाधनों के अभाव में किसी भी बच्चे की पढ़ाई न रुके, उनका सपना न टूटे इस लक्ष्य को ले कर ये पूरी संस्था दिन रात मेहनत कर रही है।
अभी तक GEMS कुल 86 बच्चों को वित्तीय सहायता उपलब्ध करवा चुकी है। मात्र इसी वित्त वर्ष के दौरान 40 बच्चों को वित्तीय सहायता उपलब्ध करवाई जा चुकी है। 20 बच्चों को किताबें उपलब्ध करवाई गईं हैं तथा अब तक 24 बच्चों को स्मार्टफोन उपलब्ध करवाए गए हैं, ताकि वह अपनी ऑनलाइन अध्ययन जारी रख सकें। इसके अलावा अब तक कुल 56 ऑनलाइन शैक्षणिक सत्र भी आयोजित किए गए हैं, जिनके माध्यम से विषय विशेषज्ञों द्वारा बच्चों का मार्गदर्शन किया गया है। इस संस्था का मुख्य मुद्दा सिर्फ आर्थिक सहायता ही उपलब्ध करवाना नहीं है, बल्कि बच्चों की काउंसलिंग आदि के माध्यम से सर्वांगीण विकास करना है। जो बच्चे प्रशासनिक सेवा में जाना चाहते हैं उनके लिए भी वित्तीय सहायता देना और उन्हें सही मार्गदर्शन देने का काम भी यह संस्था निरंतर कर रही है।
आज सम्पन्न बैठक में सभी सदस्य ने एक मत से इस बात पर चर्चा करी कि कैसे संस्था की वित्तीय स्थिति में सुधार लाया जा सकता है, ताकि उन सभी बच्चों को जोड़ा जा सके जिन्हें वास्तव में सहायता की जरूरत है। इन सब बच्चों के सुनहरे भविष्य के लिए धन का प्रावधान कैसे किया जाए इस पर भी सदस्यों ने मुख्य रूप से चर्चा करी। संस्था के मुख्य संस्थापक ने आम जनता से भी अपील की है कि सभी लोग मानव कल्याण के इस दैवीय कार्य के लिए आगे आएं और अपने सामर्थ्य के अनुसार अवश्य सहयोग करें । किसी के आस पड़ोस में अगर कोई ऐसा बच्चा हो जो पढ़ाई में अच्छा हो लेकिन उसके परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक न हो तो वो संस्था से संपर्क कर सकता है या उनका विवरण संस्था को दे सकते हैं ताकि ऐसे सभी ज़रूरतमंद बच्चों की सहायता की जा सके और वह अपना भविष्य संवार सकें।
संस्था के संस्थापक संजय जी ने GEMS संबधित बच्चों का ब्योरा साझा किया जिसमें उन्होंने बताया की 4 बच्चे दिल्ली यूनिवर्सिटी में 3 पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ में एक बच्चा (AIIMS), बिलासपुर में, 4 बच्चे हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी, शिमला में, 2 इंजीनियरिंग कॉलेज, 3 नर्सिंग कॉलेज 20 बच्चे अन्य संस्थानों में दाखिला ले चुके हैं। संस्थापक द्वारा सभी उपस्थित सदस्यों से आग्रह किया कि वह सब अपने अपने स्तर पर भी प्रयास करें जिससे कि निष्क्रिय पड़े सदस्यों को सक्रिय किया जा सके और नए सदस्यों को इस मुहीम में शामिल किया जा सके।