पालमपुर की शान बढ़ाएगा 108 फुट ऊंचा राष्ट्रीय ध्वज, सीपीएस आशीष बुटेल ने किया अनावरण  

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आवाज़ ए हिमाचल   

पालमपुर। चाय बागानों व रणबाकुंरों की धरती पालमपुर में 108 फुट ऊंचा राष्ट्रीय ध्वज यहां की शान बढ़ाएगा। प्रशासन व स्थानीय लोगों की सोच से एक पहल शुरु हुई और इसे सार्थक रुप दिया गया। बुधवार को हिमाचल प्रदेश के पूर्ण राज्यत्व दिवस पर देश की शान राष्ट्रीय ध्वज को संयुक्त कार्यालय भवन पालमपुर के मुख्यद्वार और संविधान निर्माता बाबा साहेब डा. भीम राव अंबेडकर की प्रतिमा के साथ इसका अनावरण सीपीएस आशीष बुटेल द्वारा किया गया।

प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर एवं प्रदेश की राजनीति में अहम स्थान रखने वाले पालमपुर में इस तरह के प्रयास सराहनीय हैं। पालमपुर में अगस्त माह में आयोजित एक किलोमीटर लंबी तिरंगा यात्रा को गिन्निज बुक ऑफ रिकार्ड्स में भी जगह मिली है। जिला कांगड़ा में अपने आप में स्थापित हुए 108 फुट ऊंचे राष्ट्रीय ध्वज से पालमपुर का नाम रोशन हो गया है।

प्रशासन की ओर से इसे जनसहयोग और निजी प्रयासों से अर्जित राशि से ही यह राष्ट्रीय ध्वज स्थापित हुआ है। 108 फुट ऊंचा ध्वज स्थापित करने के लिए हाई मास्क खंबे की स्थापना पर लगभग 15 लाख रुपए खर्च आया है। उपमंडल प्रशासन की ओर से इस मुहिम को पूरा करने के लिए पूरी पारदर्शिता दिखाकर बुद्धिजीवी लोगों की कमेटी गठित की थी। वहीं एचडीएफसी बैंक में सहयोग देने वालों की सहूलियत के लिए अकाउंट भी खोला था। इस अकाउंट में ही दानवीरों ने आर्थिक सहयोग दिया है। इस पूरे खर्च में लगभग सात लाख रुपए स्थानीय लोगों ने दिए जबकि अन्य आर्थिक सहयोग स्थानीय पालमपुर व जिला प्रशासन का रहा।

इस अवसर पर नगर निगम पालमपुर की महापौर पूनम बाली, उपमहापौर अनीश नाग, प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता करुण शर्मा, ब्लाक कांग्रेस अध्यक्ष त्रिलोक चंद, गोपाल नाग, अर्चित बुटेल, राधा सूद, सुरेंद्र सूद, एसडीम पालमपुर डा. अमित गुलेरिया, डीएसपी पालमपुर गुरबचन सिंह, तहसीलदार पालमपुर सार्थक शर्मा सहित शहर के गणमान्य लोग एवं विभिन्न विभागों के अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।

 

प्रतिवर्ष रखरखाव पर खर्च होगा 20 हजार

पालमपुर में पर्वतीय हवाओं और बारिश के कारण ध्वज के खराब होने की संभावनाएं अधिक हैं। ऐसे में अगर ध्वज खराब होता है तो दोबारा से फहराने व अन्य रखरखाव के कार्यों पर प्रति वर्ष 20 हजार रुपए खर्च करने का प्राविधान किया गया है। ताकि राष्ट्रीय ध्वज की गरिमा बनी रहे।  108 फुट ऊंचा राष्ट्रीय ध्वज को रात के समय भी साफ नजर आए इसके लिए प्रशासन ने हाई वोल्टेज लाइट्स का प्राविधान किया है। रात के समय में यह ध्वज साफ दिखे इसके लिए खंबे के निचले छोर में लाइटें लगाई गई हैं, इनकी सारी रोशनी इस पर पड़ेगी।, और रात के अंधेरे में भी ध्वज को स्थानीय लोग ही नहीं बल्कि बाहर से आने वाले पर्यटक देख सकेंगे।

बता दें कि मुख्य संसदीय सचिव, शहरी विकास एवं शिक्षा आशीष बुटेल ने हिमाचल प्रदेश के राज्यत्व दिवस पर पालमपुर में बुधवार को राष्टीय ध्वज का अनावरण किया। यह गौरव की बात है कि जिला में सबसे ऊंचा राष्ट्रीय ध्वज पालमपुर में स्थापित हुआ है और इसके लिए पालमपुर प्रशासन बधाई का पात्र है। 108 फुट ऊंचे राष्ट्रीय ध्वज की स्थापना में योगदान देने वाले लोगों का भी आभार प्रकट है।

पालमपुर में बनेगा युद्ध स्मारक: बुटेल

पालमपुर वीरों और बलिदानियों की भूमि है जिन्होंने मातृ भूमि के लिये अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है। ऐसे देश भक्तों को नमन करने और उनसे प्रेरणा लेने के लिये पालमपुर में युद्ध स्मारक बनाया जाएगा। भारतीय सेना का सर्वोच्च सम्मान परमवीर चक्र सर्वप्रथम बलिदानी मेजर सोम नाथ शर्मा व उसके बाद कारगिल युद्ध में बलिदानी कैप्टन विक्रम बत्रा को दिया गया है। जबकि शांति काल का सर्वोच्च सम्मान अशोक चक्र बलिदानी मेजर सुधीर वालिया को उनकी वीरता के लिए दिया गया। इसके अलावा कैप्टन सौरभ कालिया सहित कई वीरों ने मातृ भूमि की रक्षा में अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है। प्रदेश ही नहीं देश के लोग बलिदानियों के इतिहास को जाने इसके लिए पालमपुर में ऐसा एक स्मारक बनाने की दिशा में प्रयास जारी है।

उन्होंने कहा कि युद्ध और शांति काल में भारतीय सेना के तीन सर्वोच्च सम्मान पालमपुर के वीर सपूतों को दिए गए हैं। इसके अलावा भी सेना में पालमपुर और प्रदेश के कई जांबाजो ने अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है। ऐसे ही वीर सपूतों को सच्ची श्रद्धांजलि देने, उन्हें नमन और उनके बलिदान को याद करने के लिए 108 फुट ऊंचा राष्ट्रीय ध्वज यहां स्मारक के रूप स्थापित किया गया है। पालमपुर आने वाले लोगों को पालमपुर के इतिहास की जानकारी मिले इसके लिए यहां युद्ध स्मारक बनाने की दिशा में प्रयास आरंभ कर दिए गए हैं।

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