आवाज़ ए हिमाचल
शिमला। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा हिमाचल प्रदेश के घटोटा से शुरू हुई। हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंद्र सुक्खू और उनका पूरा मंत्रिमंडल व विधायक सुबह सात बजे यात्रा में शामिल हुए। यात्रा सुबह 11 बजे तक क्षत्रिय कॉलेज इंदौरा तक चली। राहुल यहां पर चार घंटे आराम करेंगे। फिर नादौन काठगढ़ से तीन बजे यात्रा शुरू होगी। शाम 5.30 बजे मलोट में जनसभा के साथ यात्रा खत्म होगी।
कांगड़ा जिले के इंदौरा के मीलवां के रास्ते इस पदयात्रा ने देवभूमि में प्रवेश किया है। दिनभर 24 किलोमीटर पदयात्रा के बाद राहुल गांधी मलौट में जनसभा को भी संबोधित करेंगे। हिमाचल में यात्रा शुरू होने से पहले मीलवां में फ्लैग हैंड-ओवर सेरेमनी की गई। इस दौरान मुख्यमंत्री सुक्खू, कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह समेत सुक्खू सरकार के मंत्री, विधायक और कांग्रेस नेता मौजूद रहे । राहुल गांधी ने सुबह 10:15 बजे प्राचीन मंदिर काठगढ़ में भगवान शिव की पूजा-अर्चना की। इसके बाद चाय पान किया और करीब आधे घंटे तक हिमाचल के नेताओं से विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। धर्मशाला से कांग्रेस विधायक सुधीर शर्मा भी भारत जोड़ो यात्रा में शामिल हुए। मंत्रिमंडल विस्तार के बाद सुधीर शर्मा विदेश चले गए थे।
यात्रा शुरू होने से पहले राहुल गांधी ने संबोधित करते हुए कहा कि यात्रा का हिमाचल से आने का रूट नहीं था। लेकिन प्रदेश की जनता का प्यार उन्हें इसे खींच लाया। उन्होंने कहा कि 30 जनवरी को श्रीनगर पहुंचना है, ऐसे में दिन कम थे तो हिमाचल का प्लान नहीं बन पा रहा था।
हिमाचल प्रदेश के घटोटा में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि 3-4 लोगों के लिए पूरी सरकार चलाई जा रही है। जो भी होता है वह उन लोगों के लिए होता है, हमारे किसान, मजदूर, युवा के लिए नहीं किया जाता। भारत की सरकार जो भी करती है वह भारत के 2-3 सबसे बड़े अरबपतियों की मदद करने के लिए करती है। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि हमने अपने मुद्दे संसद में उठाने की कोशिश की लेकिन वहां मुद्दे उठाने नहीं दिए गए। भारत की संस्थाओं जैसे न्यायपालिका, प्रेस आदि से भी बात नहीं उठा सकते क्योंकि सब पर RSS-BJP का दबाव है। इसलिए हमने यह यात्रा निकाली है।
इस दौरान राहुल गांधी ने भारतीय जनता पार्टी और आरएसएस पर देश में नफरत फैलाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि देश के सभी संस्थान आज के दौर में दबाव में काम कर रहे हैं। संसद में भी सवाल पूछने नहीं दिए जा रहे। इस कारण ही उन्होंने कन्याकुमारी से श्रीनगर तक भारत जोड़ो यात्रा शुरू करने का फैसला लिया।