आवाज ए हिमाचल
17 जनवरी।हिमाचल प्रदेश में बनाए गए मुख्य संसदीय सचिवों से होकर ही संबंधित मंत्रियों को प्रस्ताव और फाइलें जाएंगी। सामान्य प्रशासन विभाग ने मुख्य संसदीय सचिवों की शक्तियों और कार्यों को लेकर मंगलवार को सभी प्रशासनिक सचिवों को निर्देश जारी किए।मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना की ओर से जारी पत्र में स्पष्ट किया गया है कि मुख्य संसदीय सचिवों के पास किसी भी प्रस्ताव या फाइल को मंजूरी देने का अधिकार नहीं होगा। सीपीएस प्रस्ताव या फाइल पर सिर्फ अपना मत दर्ज करवा सकेंगे। अंतिम फैसला संबंधित मंत्री का होगा। सभी प्रशासनिक सचिवों को प्रस्ताव और फाइलों को संबंधित मंत्रियों को भेजने से पहले उनके साथ अटैच किए गए मुख्य संसदीय सचिवों को भेजना होगा।
मंत्रियों को प्रस्ताव या फाइलें सीधी नहीं भेजी जाएंगी। हिमाचल प्रदेश संसदीय सचिवों के अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार आवश्यक कार्रवाई करने व इन निर्देशों का कड़ाई से पालन करने को कहा गया है। मुख्यमंत्री सुक्खू ने मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी को सूचना एवं जन संपर्क विभाग के लिए अपने साथ अटैच किया है। लोक निर्माण विभाग के लिए मंत्री विक्रमादित्य सिंह और स्वास्थ्य विभाग के लिए मंत्री कर्नल धनीराम शांडिल के साथ अटैच किया गया है। मुख्य संसदीय सचिव सुंदर सिंह ठाकुर को परिवहन विभाग में उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री के साथ और ऊर्जा, वन और पर्यटन विभाग के लिए मुख्यमंत्री सुक्खू के साथ अटैच किया गया है।