वित्त विभाग जल्द एसओपी, नियम और शर्तें जारी करेगा
आवाज़ ए हिमाचल
शिमला। हिमाचल में पुरानी पेंशन स्कीम ( OPS) को लागू करने की अधिसूचना आखिरकार आज जारी हो ही गई। मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना की ओर से कैबिनेट के निर्णय को लागू करने के वित्त विभाग को निर्देश दिए गए। जिसमें कहा गया है कि ओपीएस को लेकर नियम और शर्तें भी जल्द निर्धारित कर किए जाए। हिमाचल की सुखविंद्र सिंह सुक्खू सरकार ने 13 जनवरी को पहली कैबिनेट मीटिंग में ओपीएस लागू करने का निर्णय लिया था।
अधिसूचना में कहा गया है कि न्यू पेंशन स्कीम (एनपीएस) में आने वाले सभी सरकारी कर्मियों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ दिया जाएगा।। पेंशन जारी करने के फॉर्मूले को लेकर वित्त विभाग एसओपी, नियम और शर्तें जारी करेगा। हालांकि, पुरानी पेंशन का फार्मूला कौन सा होगा, इसकी जानकारी अभी किसी को नहीं है, लेकिन इतना जरूर है कि सरकारी कर्मचारी अब पेंशन के हकदार होंगे, जैसे कि पहले मिलती थी। ओपीएस बहाल होने से प्रदेश के 1.30 लाख कर्मचारी लाभांवित होंगे।
गौरतलब है कि प्रदेश में करीब 20 साल बाद पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) बहाल हुई है। प्रदेश की सुखविंद्र सिंह सुक्खू सरकार ने लोहड़ी पर पहली कैबिनेट बैठक में बहुप्रतीक्षित पुरानी पेंशन बहाल करने का फैसला लिया था। ओपीएस 2003 में बंद हुई थी। कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव से पहले किया वादा निभाया। यह कांग्रेस के प्रतिज्ञा पत्र की पहली गारंटी थी। राज्य मंत्रिमंडल से पुरानी पेंशन बहाल होने के बाद अब प्रदेश के लाखों कर्मचारियों की पेंशन के फार्मूले पर नजरें टिक गई हैं। ओपीएस कैसे मिलेगी और पेंशन की राशि कितनी होगी, इसको लेकर कर्मचारियों की ओर से तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं।
2003 से पहले ऐसे मिलती थी पेंशन
हालांकि, पुरानी पेंशन का फार्मूला कौन सा होगा, इसकी जानकारी अभी किसी को नहीं। कर्मचारी यूनियनों के पदाधिकारियों का कहना है कि प्रदेश में 15 मई 2003 से पहले सेंट्रल सिविल सर्विस पेंशन रूल 1972 के तहत पेंशन दी जाती थी। इसके तहत सेवानिवृत्ति के अंतिम दिन लिए गए वेतन का 50 फीसदी पेंशन राशि होती थी। इस नियम को ही दोबारा लागू करने के लिए हिमाचल सरकार ने सैद्धांतिक मंजूरी दी है। पुरानी पेंशन योजना में सेवाकाल के दौरान कर्मचारी की मृत्यु होने पर पहले दस वर्षों तक 50 फीसदी पेंशन ही परिजनों को मिलती है। इसके बाद पेंशन की राशि को 30 फीसदी दिया जाता है। पुरानी पेंशन लेने के लिए किसी भी कर्मचारी की दस वर्षों की नियमित सेवा होना भी अनिवार्य है।