आवाज़ ए हिमाचल
जम्मू। जम्मू -कश्मीर पूरी तरह डिजिटल हो गया है। नए दौर की शुरूआत करते हुए प्रदेश सरकार ने सोमवार को सभी ऑफलाइन सरकारी सेवाओं को तत्काल बंद कर दिया। प्रदेश के मुख्य सचिव डॉ. अरुण कुमार मेहता ने सचिवों की समिति की बैठक में यह अहम फैसला लिया। डॉ. मेहता ने सूचना तकनीक विभाग की आयुक्त सचिव को निर्देश दिया कि सभी सरकारी सेवाओं को केवल ऑनलाइन माध्यम से ही उपलब्ध करवाना तत्काल प्रभाव से सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि अब सरकारी सेवाओं का लाभ लेने के लिए आवेदकों को सरकारी कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। इसलिए अब कोई भी सरकारी सुविधा ऑफलाइन नहीं उपलब्ध होगी।
मुख्य सचिव ने सभी प्रशासनिक सचिवों को सरलता से लोगों को ऑनलाइन माध्यम से सेवाएं उपलब्ध हों इस पर करीबी नजर बनाए रखने के लिए कहा है। उन्होंने प्रशासनिक विभागों और विभागाध्यक्ष व जिलों के उपायुक्तों के कार्यालयों में कंट्रेल रूम स्थापित करने के लिए भी कहा ताकि आम लोगों को ऑनलाइन सेवाओं से संबंधित सूचना उपलब्ध हो सके और वह अपनी शिकायत भी कर सकें। डॉ. मेहता ने सभी प्रशासनिक सचिवों से कहा है कि वह आम लोगों को जागरूक करने के लिए पंचायत स्तर पर और शैक्षणिक संस्थानों में कार्यक्रम आयोजित करें। बैठक के दौरान मुख्य सचिव को बताया गया कि गई कि 400 से ज्यादा सेवाओं को पहले से ही ऑनलाइन माध्यम से उपलब्ध करवाया जा रहा है। डिजिटल पोर्टल ई उन्नत, सर्विस प्लस और डिजि लॉकर को भी लोगों की सेवा के लिए उपलब्ध करवाया गया है।
स्वास्थ्य विभाग ने लांच की एबीडीएम की वेबसाइट
स्वास्थ्य व चिकित्सा शिक्षा विभाग के सचिव भूपेंद्र कुमार ने सोमवार को जीएमसी जम्मू में आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम) की एक दिवसीय वर्कशाप में एबीडीएम की वेबसाइट को जारी किया। इस वेबसाइट से नागरिकों को एबीडीएम की विभिन्न गतिविधियों के बारे में सूचित करने के साथ एबीएचए खाता बनाने और अस्पताल सुविधा रजिस्ट्री (एचएफआर), अस्पताल पेशेवर रजिस्ट्री (एचपीआर) के पंजीकरण के लिए निर्बाध पहुंच मिलेगी। इस पोर्टल में जेएंडके एबीडीएम मिशन में नवीनतम परिपत्र, नोटिस, आदेश और रिक्तियां होंगी। इस दौरान मिशन निदेशक एबीडीएम संजीव एम गडकर आदि मौजूद रहे।