आवाज़ ए हिमाचल
कुल्लू। हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में फर्जी तरीके से आवंटित 11 फर्जी पट्टों को रद्द कर दिया गया है। पार्वती घाटी के कसोल और गड़सा क्षेत्र में इन 11 पट्टों में करीब 200 बीघा जमीन पाई गई है। जिसकी मार्केट कीमत करोड़ों रुपये में है। जिला प्रशासन की कार्रवाई के बाद फर्जी पट्टों पर कब्जा कर बैठे लोगों में हड़कंप मच गया है। पट्टों की जांच के लिए जिला प्रशासन ने राजस्व विभाग, वन विभाग, लोक निर्माण विभाग, कृषि, बागवानी, जलशिक्त विभाग समेत 10 विभागों की एक संयुक्त टीम का गठन किया था। 1957 से 1972 के बीच आवंटित किए गए इन पट्टों पर होटलों के साथ रिहायशी मकान और दुकानें बनाई गई हैं। जांच में इन फर्जी पट्टों का राजस्व विभाग के सेटलमेंट के नंबरों के साथ मिलान भी किया गया, लेकिन इन पट्टों का मिलान नहीं हो सक।
वहीं क्षेत्रीय नक्शा (लट्ठा) में भी इन पट्टों का कहीं भी जिक्र नहीं था। जांच को बनी दस विभागों की कमेटी के अध्यक्ष उपमंडलाधिकारी कुल्लू विकास शुक्ला ने कहा कि यह कार्रवाई प्रदेश हाईकोर्ट ने सिविल रिट याचिका (सीडब्ल्यूपी नंबर चार 1991) में प्रदेश सरकार की ओर से बनाई पॉलिसी में की गई है। इसमें मात्र 1971-72 के पट्टों को ही नियमित करने का प्रावधान है। शुक्ला ने कहा कि पट्टों के निरीक्षण करने के बाद इसकी रिपोर्ट उपायुक्त कुल्लू को सौंपी गई थी। इन पट्टों में करीब 200 बीघा भूमि है। उपायुक्त कुल्लू आशुतोष गर्ग ने कहा कि जांच में फर्जी पाए गए 11 पट्टों को रद्द किया गया है।
फर्जी पट्टों पर बनाए हैं पांच से छह होटल और मकान
रद्द किए सात पट्टों में छह होटलों का निर्माण किया गया है। इसके अलावा कई मकान और दुकानों भी बनाई गई है। ऐसे में अब जिला प्रशासन इन फर्जी पट्टों पर बनाए होटलों और मकानों पर आने वाले समय में कार्रवाई भी कर सकता है।