आवाज ए हिमाचल
25 दिसम्बर। आरक्षित पंचायतों में अगर पात्र प्रत्याशी न मिला तो संबंधित पंचायतों में डी-रिजर्वेशन होगा। मतदान न होने की स्थिति में एक माह बाद इन पंचायतों को डी-रिजर्वेशन कर अनारिक्षत रूप से मतदान करवाया जाएगा। पंचायती राज विभाग ने 2011 की जनगणना के आंकड़ों के अनुसार आरक्षण रोस्टर जारी किया है।इससे कुछ पंचायतों और वार्डों में ऐसी सीट को भी आरक्षित कर दिया गया है, जहां उस वर्ग का एक भी मतदाता नहीं है। ऐसे में इन पंचायतों को आरक्षित वर्ग से संबंधित प्रत्याशी मिलने पर संशय है। कई लोग इसका विरोध भी कर चुके हैं।
पंचायती राज विभाग की मानें तो आरक्षित पंचायत या वार्ड से साथ लगते वार्डों के मतदाता भी चुनाव लड़ सकते हैं। लेकिन इसके लिए आरक्षित पंचायत या वार्ड के किसी व्यक्ति को चुनाव लड़ने के इच्छुक प्रत्याशी को प्रपोजड करना होता है।
पंचायती राज विभाग ने राजस्व रिकॉर्ड 2011 के तहत पंचायतों व वार्डों को आरक्षित किया है। अगर मौजूदा समय में उन पंचायतों या वार्डों में संबंधित वर्ग से मतदाता नहीं हैं और मतदान नहीं होता है तो एक माह के बाद संबंधित पंचायत और वार्ड का डी-रिजर्वेशन कर चुनाव करवाए जाते हैं। – अश्वनी शर्मा, जिला पंचायत अधिकारी, कांगड़ा