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जम्मू कश्मीर। ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित दिग्गज कवि प्रोफेसर रहमान राही का निधन हो गया है। वह 98 वर्ष के थे। उन्होंने श्रीनगर के नौशेरा में अपने आवास पर आज अंतिम सांस ली। 6 मई 1925 को जन्मे रहमान राही ने कई कविता संग्रह लिखे। उन्होंने अन्य भाषाओं के कई मशहूर कवियों की रचनाओं का कश्मीरी में अनुवाद किया।
कवि राही को 1961 में उनकी कविता संग्रह ‘नवरोज-ए-सबा’ के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला था। वहीं, 2007 में उन्हें देश का सर्वोच्च साहित्य सम्मान ‘ज्ञानपीठ पुरस्कार’ उनके संग्रह ‘सियाह रूद जरीन मंज’ के लिए दिया गया। उन्हें उनके कार्यों के लिए 2000 में पद्म श्री पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था। राही ने बाबा फरीद की रचनाओं का कश्मीरी में अनुवाद किया है। उनके शुरुआती कार्यों में दीना नाथ नादिम का प्रभाव देखा जाता रहा है।