सीमेंट प्लांट मामले में हिमाचल हाईकोर्ट ने अडानी कंपनी को भेजा नोटिस, मांगा जवाब

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प्रार्थी ने कंपनियों को खोलने के निर्देशों की मांग को लेकर दायर की है याचिका

आवाज़ ए हिमाचल 

शिमला। हिमाचल हाईकोर्ट ने अडानी कंपनी द्वारा बंद की गई एसीसी और अंबुजा सीमेंट फैक्ट्रियों से जुड़े मामले में अडानी कंपनी को नोटिस जारी कर एक सप्ताह के भीतर जवाब तलब किया है। प्रार्थी ने इन कंपनियों को फिर से खोलने के निर्देशों की मांग को लेकर जनहित याचिका दायर की है। मुख्य न्यायाधीश ए ए सैयद और न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने प्रदेश सरकार और कंपनी प्रबंधन को भी नोटिस जारी किया। प्रदेश सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया कि इस मामले में वार्ता जारी है और आशा है कि एक या दो दिन के भीतर सकारात्मक परिणाम निकल जायेगा और सारी स्थितियां सामान्य हो जायेगी।

 कंपनी की ओर से भी कोर्ट को बताया गया कि जितना नुकसान ट्रांसपोर्टरों और इससे जुड़े अन्य वर्ग के लोगों को हो रहा है उससे कहीं अधिक नुकसान उन्हें हो रहा है। मामले को आपसी बातचीत और सरकार के सहयोग से सुलझने की उम्मीद जताते हुए कंपनी प्रबंधन ने भी आशा प्रकट की कि दो फैक्ट्रियों से जुड़े ट्रांसपोर्टर्स सकारात्मक पहल कर मामले को सुलझाने में मदद करेंगे। उल्लेखनीय है कि माल भाड़े को लेकर कंपनी प्रबंधन और ट्रक ऑपरेटर्स के बीच विवाद चल रहा है। विवाद न सुलझने पर कंपनी प्रबंधन ने 15 दिसम्बर से दोनो प्लांट बंद कर दिए थे। दोनों प्लांट को हाल ही में अडानी ग्रुप ने खरीदा है। कंपनी ने सीमेंट, क्लिंकर व कच्चे माल की ढुलाई में लगी ट्रक ऑपरेटर्स सोसाइटियों से रेट कम करने को कहा था। कंपनी ने पत्र के माध्यम से कहा था कि वे मौजूदा रेट पर माल ढुलाई करने को तैयार नहीं हैं, क्योंकि इसके कारण सीमेंट की उत्पादन लागत बढ़ रही है। इससे कंपनी को नुकसान उठाना पड़ रहा है।

प्रार्थी रजनीश शर्मा का कहना है कि कंपनी ने बिना पूर्व सूचना के इन फैक्ट्रियों को बंद कर दिया जिससे हजारों लोगों के रोजगार पर गहरा प्रभाव पड़ा और अनेकों परिवारों पर विस्थापन का संकट आ गया है। दोनों फैक्ट्रियों में सीधे तौर पर 7500 के करीब ट्रांसपोर्टर जुड़े हैं जिनके सैंकड़ों पारिवारिक सदस्यों पर जीवन यापन का संकट पैदा हो गया है। प्रार्थी ने आपसी समझौते से मामले को सुलझाने के पश्चात फैक्ट्रियों को शुरू करने के आदेशों की मांग की है। प्रार्थी ने यह भी मांग की है कि यदि भविष्य में ऐसी स्थिति उत्पन्न हो तो प्रभावितों को पूर्व में सूचना दी जाए। मामले पर सुनवाई 12 जनवरी को निर्धारित की गई है।

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