आवाज़ ए हिमाचल
नई दिल्ली। उत्तराखंड के हल्द्वानी में 4 हजार से अधिक परिवारों को सुप्रीम कोर्ट ने राहत दी है। कोर्ट ने वनभूलपुरा में रेलवे भूमि अतिक्रमण हटाने के हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 7 दिन में अतिक्रमण हटाने का फैसला सही नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा की यह एक मानवीय मुद्दा है। 50 हजार परिवारों को रातों रात बेघर नहीं कर सकते। अब इस मसले पर अगली सुनवाई 7 फरवरी को होगी। सुप्रीम कोर्ट ने तब तक हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने नोटिस जारी कर सरकार, रेलवे समेत सभी पक्षों को जवाब दाखिल करने के लिए कहा है। ऐसे में इन परिवारों पर बुलडोजर चलने का खतरा फिलहाल टल गया है। कोर्ट का फैसला आने से पहले भारी संख्या में लोग सड़कों पर बैठकर इबादत कर रहे थे। लोग ये दुआ कर रहे थे कि सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें राहत मिले।
बता दें कि हल्द्वानी के 4 हजार से अधिक परिवारों पर आरोप है कि इन्होंने रेलवे की जमीन पर अतिक्रमण कर रखा है। इसमें से ज्यादातर मुस्लिम परिवार हैं। इस मामले पर हाईकोर्ट ने दिसंबर 2022 में रेलवे को नोटिस देकर एक हफ्ते में अतिक्रमण हटाने के आदेश दिए थे। ऐसे में इन परिवारों पर बुलडोजर चलने का खतरा मंडरा रहा था। रेलवे की और से 2.2 किलोमीटर लंबी पट्टी पर बने मकानों और अन्य ढांचों को गिराने की प्रक्रिया शुरू कर दी थी। वहीं, हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ कांग्रेस विधायक सुमित हृदयेश की अगुवाई में वहां रहने वाले करी 50 हजारलोगों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाते हुए याचिका दायर की थी।