आवाज़ ए हिमाचल
मानपुरा। राज्य कर व आबकारी विभाग के दक्षिण प्रवर्तन क्षेत्र परवाणु कार्यालय की ओर से एक राष्ट्रीयकृत बैंक को 69 करोड़ 91 लाख 14 हजार 283 रुपए कर ब्याज व जुर्माना राशि 90 दिन के भीतर सरकारी खजाने में जमा करने के आदेश जारी किए थे। इसके अनुपालन में बैंक ने दक्षिण प्रवर्तन क्षेत्र के साथ ऑनलाइन अग्रिम जमा के रूप में 4 करोड़ 33 लाख 67 हजार 500 रुपए जमा कर दिए हैं। बैंक प्रबंधन ने आयुक्त अपील दायर करने के लिए जीएसटी कानून के तहत उपलब्ध कानूनी उपाय तलाशने का फैसला किया। बता दें कि जीएसटी के तहत अपील प्रणाली ऑनलाइन पोर्टल आधारित है जो किसी भी अपील को तब तक स्वीकार नहीं करती है जब तक कि टैक्स डिमांड नोटिस के अनुसार कर राशि का 10 फीसदी जमा नहीं किया जाता है।
जानकारी के अनुसार यह मामला इंटैलीजैंस टूल्स के जरिए विभाग के संज्ञान में अप्रैल, 2022 में आया था व जीएसटी नियमानुसार नोटिस प्रक्रिया के माध्यम से मामले में कार्रवाई अमल में लाई गई। तदोपरांत अंतिम आदेश बैंक के खिलाफ पारित किए गए। इसमें बैंक द्वारा जीएसटी अधिनियम की धारा 17 के तहत बनाए गए नियमों की अवेहलना की जा रही थी। वर्ष 2017 से लेकर 2022 तक अनियमिताएं बरती गईं। बैंक से प्रत्येक वर्ष तय नियमों के तहत अपनी शाखाओं से की गई खरीद पर इनपुट टैक्स क्रैडिट वापस करने में चूक हुई है। इसे समय रहते जीएसटी नियमों के तहत बैंक द्वारा की गई कर मुक्त आपूर्ति पर अनुपात में किया जाना आपेक्षित था। इस मामले में 6 माह की कार्रवाई के बाद अंतिम आदेश जारी किए गए।
दक्षिण प्रवर्तन क्षेत्र के संयुक्त आयुक्त जीडी ठाकुर ने पुष्टि करते हुए बताया कि उक्त मामला इनपुट क्रैडिट वापसी का है। इसके अलावा भी अन्य बैंकों और वित्तीय संस्थानों पर कानूनी कार्रवाई जारी है, जो अधिनिर्णय के विभिन्न चरणों में हैं। अब तक कुल 7 बैंक और वित्तीय संस्थान जिनमें 71 करोड़ 38 लाख 58 हजार 682 रुपए के नोटिस जारी किए गए हैं, उनको वित्तीय वर्ष के अंत तक अंतिम रूप दिया जाएगा। इन बैंकों और वित्तीय संस्थानों को पहले से ही किसी भी कर मुक्त या छूट वाली आपूर्ति के बावजूद 50 फीसदी सीधे आईटीसी लाभ का अधिमान्य दिया जाता है। यह छूट बाकी करदाताओं के लिए उपलब्ध नहीं है।
संयुक्त आयुक्त ने खुलासा किया कि वर्ष 2022-23 में उनकी ओर से अब तक 15 मामलों में 175 करोड़ रुपए के टैक्स डिमांड आदेश जारी किए जा चुके हैंं। इनमें से 10 अपील प्रक्रिया में हैं। वर्ष 2021-22 में 8 मामलों में अपील की गई थी। अभी तक 3 मामलों में आयुक्त अपील की ओर से निर्णय लिया गया है।