मनरेगा योजना में लागू एनएमएमएस सिस्टम का विरोध, कई पंचायत प्रतिनिधियों ने खोला मोर्चा  

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वीडीओ के माध्यम से पंचायती राज डायरेक्टर को भेजा ज्ञापन

आवाज़ ए हिमाचल 

अमन राजपूत, शाहपुर। हिमाचल सरकार की ओर से मनरेगा में काम करने वाले मजदूरों की हाजरी नेशनल मोबाइल मॉनीटरिंग सॉफ्टवेयर (एनएमएमएस) के माध्यम से लगाना सुनिश्चित किया गया है। सरकार की ओर से मनरेगा में फर्जीवाड़ा रोकने के लिए उक्त निर्णय लिया गया है। अब इस ऐप के माध्यम से मजदूरों को दिन में तीन बार हाजरी लगाने के आदेश दिए गए हैं, लेकिन सरकार के इस निर्णय के विरोध में कई पंचायतों के प्रतिनिधियों ने मोर्चा खोल दिया है। सोमवार को विकास खंड रैत की अधिकतर पंचायतों को प्रधानों, उप प्रधानों और वार्ड सदस्य ने एक जुट होकर वीडीओ के माध्यम से पंचायती राज डायरेक्टर को ज्ञापन भेजा है।

उन्होंने पंचायती राज डायरेक्टर को लिखे पत्र में कहा है कि विकास खंड रैत के अधिकतर जनप्रतिनिधियों के पास एनड्रोयड मोबाइल फोन नहीं है और 20 फीसद जनप्रतिनिधि अशिक्षित हैं, जिसके कारण वह इस एन्ड्रोयड मोबाइल फोन ऐप पर कार्य नहीं कर सकते हैं। उन्होंने पंचायती राज डायरेक्टर से मांग की है कि मनरेगा कार्य को हिमाचल प्रदेश की भौगोलिक स्थिति के मध्यनजर रखते हुए पहले की तरह हाजरी लगाना सुनिश्चित करें।

इस मौके पर विकास खंड रैत की आती पंचायतों के प्रधान अजय बबली, प्रधान रचना देवी, प्रधान सपना देवी, प्रधान प्रकाश चंद, उप प्रधान पाशु राम, उप प्रधान ओम राज, अजुन कुमार, प्रधान सपना देवी, प्रधान सुषमा देवी, प्रधान हेमराज, प्रधान मंजीत सिंह, प्रधान अरुणा देवी, प्रधान संजना कुमारी, प्रधान निशा देवी, प्रधान हरनाम सिंह, प्रधान उत्तम चंद, प्रधान भारती, प्रधान संजना कुमारी, उप प्रधान करतार चंद करेरी, प्रधान सुदेश कुमारी, प्रधान निशा देवी और प्रधान रेखी देवी सहित कई उप प्रधान और वार्ड सदस्यों ने मांग की है कि हिमाचल सरकार उक्त निर्णय को वापिस ले, ताकि मनरेगा का कार्य सुचारू रूप से चल सके और पंचायत प्रतिनिधियों को किसी प्रकार की कोई परेशानी न हो।

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