आवाज़ ए हिमाचल
पालमपुर। पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने आतंकवादी घटनाओं को लेकर चिंता जताई। उन्होंनें कहा कि आजादी प्राप्त करने के साथ ही कश्मीर समस्या भारत के लिए एक नासूर बनती रही है। धारा 370 के कारण कश्मीर में कई प्रकार के षड़यंत्र होते रहे। आज से 70 साल पहले 1953 में डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के नेतृत्व में बहुत बड़ा सत्याग्रह कश्मीर समस्या के समाधान के लिए हुआ। हजारों लोग जेल गए। 19 साल की उम्र में मैं भी आठ महीने तक जेल में रहा। डा. मुखर्जी का कश्मीर की जेल में बलिदान हुआ, लेकिन समस्या का समाधान आज तक नहीं हुआ।
शांता कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने धारा 370 समाप्त कर दी। ऐसे में उम्मीद थी कि कश्मीर में शांति होगी, लेकिन आज भी कश्मीर लगातार सुलग रहा है। निर्दोष हिंदुओं की लगातार हत्याएं हो रही हैं। उन्होंने आगे कहा कि कश्मीर में पाकिस्तान भारत के साथ एक युद्ध लड़ रहा है। पाकिस्तान की सेना इस युद्ध का संचालन कर रही है। भारत सरकार को कश्मीर सेना के हवाले कर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि हत्या करने के लिए आतंकवादी हमेशा पाकिस्तान से ही नहीं आते, कश्मीर के बहुत से घरों में आतंकवादियों को शरण दी जाती है।
शांता कुमार ने कहा देश के लिए यह शर्म की बात है कि स्वतंत्रता के 75 वर्षो के बाद भी हम अपने एक प्रदेश में शांति बहाल नहीं कर सके। प्रतिदिन आतंकवादी घटनाओं से प्रत्येक भारतीय का सिर शर्म से झुक जाता है। अब सरकार को एक निर्णायक कदम उठाना चाहिए।
“आतंकवादियों को कठोर सजाएं दी जाएं”
शांता कुमार कहा ने अब भारत सरकार को कश्मीर भारतीय सेना के हवाले करना चाहिए। युद्ध का मुकाबला सेना से ही हो सकता है। कश्मीर की पुलिस और सेना पूरे कश्मीर को संभाले। घरों की तलाशी करके आतंकवादियों को ठिकाने लगाए, जो लोग आतंकवादियों को शरण देते हैं या सहायता करते हैं, उन्हें कठोर सजाएं दी जाएं। कश्मीर को सेना के हवाले करने के अलावा अब और कोई इलाज नहीं है। सेना केवल छह महीनों में 75 साल की इस समस्या का समाधान कर देगी।