नए कार्यालयों में वेतन को बजट नहीं, ड्यूटी देने को कर्मचारी नहीं
आवाज़ ए हिमाचल
शिमला। प्रदेश में बंद या डिनोटिफाई होने वाले संस्थानों का आंकड़ा 900 पहुंच गया है। कांग्रेस की रिव्यू कमेटी के पास रोजाना ऐसे संस्थानों की जानकारी पहुंच रही है, जिन्हें पूर्व सरकार ने आखिरी छह महीने में खोला है। अब मौजूदा सरकार इन सभी संस्थानों को बंद करने जा रही है। यह बात कमेटी की अगवाई कर रहे विधायक हर्षवर्धन चौहान ने कही है। उन्होंने कहा कि पूर्व सरकार ने ऐसे विभागों में कार्यालय खोले हैं, जहां वेतन देने के लिए भी बजट नहीं बचा है। स्टाफ के बगैर भी ऐसे कार्यालयों में कामकाज चलाया जा रहा था। हर्षवर्धन चौहान सोमवार को राज्य सचिवालय में मीडिया से बातचीत कर रहे थे। इस मौके पर उन्होंने कहा कि यह सभी कार्यालय सरकार पर 5000 करोड़ का आर्थिक बोझ डाल रहे थे। ऐसे में इनकी समीक्षा की गई और कार्यालयों को बंद करने का फैसला किया गया है। उन्होंने कहा कि जो कार्यालय बंद हुए हैं, उन्हें भविष्य की संभावनाओं को देखते हुए खोला जा सकता है। जिन क्षेत्रों में अति आवश्यकता होगी, वहां कार्यालय खोले जाएंगे।
पूर्व की भाजपा सरकार की गलत नीतियों के फलस्वरूप वर्तमान राज्य सरकार पर 75 हजार करोड़ रुपए का कर्ज है। पूर्व की भाजपा सरकार ने राजनीतिक उद्देश्य से आयोजित की गई रैलियों के लिए प्रशासन और सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग किया। इसी का परिणाम है कि हिमाचल पथ परिवहन निगम की बसों का लगभग 14 करोड़ रुपए बकाया है, जिनका उपयोग इन रैलियों में किया गया। पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की भाजपा सरकार के कार्यकाल में प्रदेश में आयोजित की गई भर्तियों में युवाओं के हितों की अनदेखी की गई थी। वहीं इस मौके पर विधायक रोहित ठाकुर और अनिरुद्ध सिंह भी मौजूद थे।
एजेंसियों की मदद से होगी पारदर्शी परीक्षा
हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि प्रदेश में होने वाली सभी परीक्षाएं पारदर्शी व्यवस्था से करवाई जाएं, इसके लिए विभिन्न एजेंसियों की मदद ली जा सकती है। वर्तमान राज्य सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि विभिन्न एजेंसियों से राज्य में होने वाली सभी परीक्षाएं पारदर्शी और उत्तरदायी तरीके से करवाई जाएं। हाल ही में प्रदेश सरकार ने त्वरित कारवाई करते हुए जेओए आईटी परीक्षा आयोजित होने से पहले ही पेपर लीक के आरोपी कर्मचारी एवं अन्य व्यक्तियों को कानून की गिरफ्त में ले लिया।