आवाज़ ए हिमाचल
शिमला। हिमाचल प्रदेश विधानसभा के शीत सत्र से पहले सुक्खू सरकार का मंत्रिमंडल गठित होगा। इस माह के अंत तक दस विधायकों को मंत्री बनाया जा सकता है। सत्र के दौरान विधानसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का चयन किया जाएगा। नई दिल्ली में मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू और पार्टी के प्रदेश प्रभारी राजीव शुक्ला ने नाम भी तय कर लिए हैं। मुख्यमंत्री के कोरोना से स्वस्थ होते ही शिमला लौटने पर राज्यपाल से समय लेकर मंत्रियों की शपथ की तारीख का एलान कर दिया जाएगा।
उधर, धर्मशाला स्थित तपोवन में जनवरी के पहले सप्ताह में विधानसभा का शीत सत्र आयोजित करने की तैयारी है। इसको लेकर विधानसभा सचिवालय ने मंथन करना शुरू कर दिया है। सरकार से सत्र के आयोजन की मंजूरी मिलते ही राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर से समय मांगा जाएगा। इसके बाद तारीखों का एलान होगा। दस मंत्रियों सहित विधानसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष की नियुक्ति की जानी है। इन 12 पदों के लिए सिरमौर, बिलासपुर, किन्नौर, कुल्लू, चंबा, सोलन, मंडी, शिमला और कांगड़ा जिला के कांग्रेस विधायकों में मुकाबला चल रहा है। सिरमौर से हर्षवर्द्धन चौहान, बिलासपुर से राजेश धर्माणी, कुल्लू से सुंदर सिंह ठाकुर, चंबा से कुलदीप पठानिया, किन्नौर से जगत सिंह नेगी, मंडी से चंद्रशेखर और सोलन से धनीराम शांडिल का नाम लगभग तय हो गया है। मुख्य पेच कांगड़ा और शिमला जिला में फंसा है।
शिमला जिला से विक्रमादित्य सिंह, रोहित ठाकुर, अनिरुद्ध सिंह और कुलदीप सिंह राठौर, जबकि कांगड़ा से सुधीर शर्मा, चौधरी चंद्र कुमार, संजय रतन और रघुवीर सिंह बाली का नाम चर्चा में है। शिमला और कांगड़ा जिला से दावेदारों की संख्या अधिक है। पार्टी सूत्रों के अनुसार जातीय और क्षेत्रीय संतुलन बनाते हुए मंत्रिमंडल का गठन किया जाएगा। पार्टी के पास मुख्य सचेतक और सचेतक के दो पद भी हैं। यहां भी विधायकों की नियुक्ति की जाएगी।