हिमाचल: सुक्खू सरकार ने बदली मंडी हवाई अड्डे की सर्वे एजेंसी, दो माह में मांगी रिपोर्ट

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आवाज़ ए हिमाचल

मंडी। हिमाचल प्रदेश में बनी कांग्रेस की सुक्खू सरकार ने बल्ह में प्रस्तावित ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट के सामाजिक सर्वेक्षण का कार्य एसआर एशिया कंपनी को सौंप दिया है। नए सिरे से सर्वे की रिपोर्ट दो माह में सौंपने को कहा है। प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने पूर्व सीएम जयराम ठाकुर के इस ड्रीम प्रोजेक्ट पर पहला वार कर दिया है। पूर्व सरकार ने नेवकांस एजेंसी को यह कार्य दिया था। इसकी पुष्टि करते हुए उपायुक्त मंडी अरिंदम चौधरी ने बताया कि ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट की सामाजिक प्रभाव आकलन रिपोर्ट का काम अब एसआर एशिया कंपनी करेगी। एसआर एशिया कंपनी गाजियाबाद (उत्तर प्रदेश) की है, जबकि नेवकांस नाबार्ड की सहायक कंपनी है, जो कि दिल्ली की है। यहां पर यह बात जिक्र योग्य है कि जिस विधानसभा क्षेत्र बल्ह में हवाई अड्डा प्रस्तावित है, वहां इस बार भी भाजपा से कांग्रेस को हार मिली है। ऐसे में यहां पर हवाई अड्डा बनने में विरोध के सुर कुछ कम ही लग रहे हैं। हालांकि कुछ किसान जरूर इसके खिलाफ हैं।

9,000 करोड़ की भारी-भरकम रकम की दरकार

पूर्व जयराम सरकार और भारतीय विमानन प्राधिकरण के बीच हुए करार के मुताबिक ये दोनों ज्वाइंट वेंचर में ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट बनाएंगे। हालांकि सरकार पलट गई है। इस बीच सुक्खू सरकार ने इस हवाई अड्डा के सामाजिक प्रभाव का सर्वे करने के लिए कंपनी ही बदल दी है। इसलिए रिपोर्ट आने के बाद ही प्रोजेक्ट पर बड़ा फैसला होगा। इस प्रोजेक्ट को सिरे चढ़ाने के लिए 9,000 करोड़ की भारी-भरकम रकम की दरकार है, लेकिन सरकार का खजाना खाली है। हिमाचल प्रदेश पर पहले ही करीब 70,000 करोड़ रुपये का कर्ज है।

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