आवाज़ ए हिमाचल
24 दिसम्बर। निजी स्कूलों की फीस के मामले से हिमाचल प्रदेश सरकार ने पल्ला झाड़ लिया है। उपायुक्तों के पाले में सरकार ने गेंद डाल दी है। बुधवार को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में निजी स्कूलों की फीस को जांचने के लिए उपायुक्तों की अध्यक्षता में जांच कमेटियां बनाने का फैसला लिया गया। इन कमेटियों में शिक्षा उपनिदेशक सदस्य बनाए गए हैं। ये कमेटियां फीस से जुड़े रिकॉर्ड खंगालेंगी और सुनिश्चित करेंगी कि स्कूल फीस से अभिभावकों का शोषण न हो। स्कूलों में सुविधाओं की फीस स्ट्रक्चर से तुलना होगी।
कमेटियां पीटीए से भी चर्चा करेंगी। इसके बाद फीस तय होगी। सरकार के इस फैसले से अभिभावकों को फौरी राहत नहीं मिली है। छात्र-अभिभावक मंच के संयोजक विजेंद्र मेहरा ने सरकार के इस फैसले को गुमराह करने वाला बताया और कहा कि वीरवार को उच्च शिक्षा निदेशालय के बाहर प्रदर्शन करेंगे। कैबिनेट बैठक में शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने कैबिनेट को बताया कि 1997 के एक्ट में यह प्रावधान है कि फीस ऐसी होनी चाहिए कि उससे अभिभावकों का शोषण न हो। शिक्षकों-गैर शिक्षकों का वेतन दिया जा सके और स्कूल से जुड़े अन्य आवश्यक खर्च भी पूरे हों।