मुख्यमंत्री की तरफ से कार्यकर्ताओं की अनदेखी का लगाया आरोप
आवाज़ ए हिमाचल
शिमला। विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा में हार का गुबार फूटने लगा है। इसकी शुरूआत देहरा से हुई, जहां से धवाला की ज्वाला निकली है। देहरा में पूर्व मंत्री रमेश धवाला की अध्यक्षता में हुई बैठक में हार के लिए अंतिम समय में टिकट बदलने और मुख्यमंत्री की तरफ से कार्यकर्ताओं की अनदेखी करने का आरोप लगाया गया। पार्टी स्तर पर हार के कारणों और कांग्रेस सरकार के घटनाक्रम पर जल्द विधायक दल बैठक में मंथन होगा।
उल्लेखनीय है कि भाजपा ने अंतिम समय में अपने 2 मंत्रियों, 1 विधायक एवं 1 पूर्व मंत्री के विधानसभा क्षेत्र को बदला, जिसमें उसे चारों स्थान पर हार का सामना करना पड़ा। इसके तहत सुरेश भारद्वाज को शिमला की बजाय कसुम्पटी, राकेश पठानिया को नूरपुर की बजाय फतेहपुर, रमेश धवाला को ज्वालामुखी की बजाय देहरा और पूर्व मंत्री रविंद्र रवि को देहरा की बजाय ज्वालामुखी से प्रत्याशी बनाया गया।
पूर्व मंत्री रमेश धवाला ने कहा कि वह अंतिम 20 दिन में जितना प्रयास कर सकते थे, वह किया। इसी तरह पूरे प्रदेश में संगठनात्मक स्तर पर हार के कारणों को लेकर मंथन का क्रम शुरू हो गया है। कुल्लू में क्या खोया, क्या पाया, इसे लेकर मंथन शुरू हो गया है। कुल्लू में हार का कारण महेश्वर सिंह का टिकट कटना तथा राम सिंह के बागी प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में उतरना शामिल है। मनाली में भी भाजपा पर बगावत भारी पड़ी तथा लाहौल-स्पीति में जनता ने फिर से सत्ता के साथ चलने का काम किया। प्रदेश के सबसे बड़े जिला कांगड़ा में गलत टिकट आबंटन के अलावा बागियों ने भी समीकरण बिगाड़े।
हार के कारणों पर जल्द समीक्षा करेगी भाजपा : सुरेश कश्यप
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुरेश कश्यप ने कहा कि हार के कारणों की जल्द समीक्षा की जाएगी। इसमें जिस स्तर पर तालमेल या कमी रही होगी, उसके आधार पर आकलन के बाद पार्टी आगामी निर्णय लेगी।