हिमाचल: विधानसभा में 4 बजे बुलाई विधायक दल की बैठक, हो सकता है सीएम का ऐलान

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आवाज़ ए हिमाचल 

शिमला। हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री कौन होगा इसे लेकर अभी भी संशय बना हुआ है। चुनाव पर्यवेक्षक व छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और हिमाचल कांग्रेस प्रभारी राजीव शुक्ला अभी राजधानी शिमला के चौड़ा मैदान स्थित सिसिल होटल में हर विधायक से अकेले-अकेले मुलाकात कर रहे हैं। दोपहर बाद 4 बजे विधानसभा परिसर में कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुलाई गई है। इस बैठक के बाद प्रदेश के नए मुख्यमंत्री का ऐलान होने की बड़ी संभावना है। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने चुनाव पर्यवेक्षक भूपेश बघेल, भूपेंद्र सिंह हुड्डा और राजीव शुक्ला को विधायक दल की बैठक के बाद सीएम के नाम का ऐलान करने को कहा है।

कांग्रेस सूत्रों के अनुसार, पार्टी हाईकमान सुखविंदर सिंह सुक्खू, मुकेश अग्निहोत्री, राजेंद्र राणा में से किसी एक को मुख्यमंत्री बना सकती है। प्रतिभा सिंह की जगह उनके बेटे विक्रमादित्य सिंह को कैबिनेट में बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है। हाईकमान को कांग्रेस के पर्यवेक्षकों ने विवाद खत्म करने के लिए मुख्यमंत्री के साथ एक उप-मुख्यमंत्री बनाने की भी सलाह दी है। अगर हाईकमान इस पर सहमति दे देता है तो प्रतिभा सिंह की जगह किसी दूसरे को मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है, जबकि विक्रमादित्य सिंह को उप-मुख्यमंत्री या गृहमंत्री की जिम्मेदारी दी जा सकती है।

जानें प्रतिभा सिंह को सीएम क्यों नहीं बनाना चाहती कांग्रेस?

पार्टी के एक राष्ट्रीय नेता ने बताया कि प्रतिभा सिंह को अगर मुख्यमंत्री बनाया जाता है तो किसी एक सीट पर फिर से उप-चुनाव कराना पड़ेगा। इस बार हुए चुनाव में पार्टी ने जीत जरूर हासिल कर ली है, लेकिन ज्यादा मार्जिन से नहीं। ऐसे में प्रतिभा सिंह को सीएम बनाने के बाद दो उप-चुनाव कराने पड़ेंगे। पहला विधानसभा और दूसरा मंडी लोकसभा का। ये एक तरह का रिस्क होगा।

कांग्रेस नेता आगे कहते हैं, इस बार विधानसभा चुनाव में शिमला, हमीरपुर और कांगड़ा लोकसभा क्षेत्रों में पड़ने वाली सीटों पर कांग्रेस ने अच्छा प्रदर्शन किया। वह भी तब जब ये इन तीनों लोकसभा सीटों पर भाजपा का कब्जा है। वहीं, मंडी लोकसभा जहां से प्रतिभा सिंह खुद सांसद हैं, वहां कांग्रेस को 17 में से 12 सीटों पर हार का सामना करना पड़ा है। ये एक बड़ा फैक्टर है। इसलिए तुरंत उप-चुनाव कराना खतरे से खाली नहीं है।

इससे पहले क्या-क्या हुआ?

गुरुवार को हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के परिणाम आए। 68 विधानसभा सीटों वाले हिमाचल में कांग्रेस के 40 प्रत्याशियों ने जीत हासिल की, जबकि भाजपा 25 पर सिमट गई। कांग्रेस की जीत के साथ ही पार्टी में मुख्यमंत्री पद को लेकर विवाद शुरू हो गया। दिनभर शिमला स्थित पार्टी मुख्यालय पर हंगामा होता रहा। बड़ी संख्या में प्रतिभा सिंह के समर्थक नारेबाजी करते रहे। वहीं, प्रचार समिति के प्रमुख रहे सुखविंदर सिंह सुक्खू के समर्थक भी उनके पक्ष में नारेबाजी करते रहे। हालांकि, सुक्खू खुद को मुख्यमंत्री की दौड़ से बाहर बता रहे हैं।

इसके बाद रात 10 बजे विधायक दल की बैठक हुई। इसमें छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री और हिमाचल प्रदेश कांग्रेस के चुनाव पर्यवेक्षक भूपेश बघेल, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, प्रदेश प्रभारी राजीव शुक्ला, सह प्रभारी गुरकीरत सिंह कोटली भी मौजूद रहे।

बैठक में संजय सूद, तजेंद्र पाल बिट्टू और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं सांसद प्रतिभा सिंह विशेष रूप से मौजूद रहीं। इसमें हर विधायक से बारी-बारी चुनाव पर्यवेक्षकों ने बात की। इनसे सीएम पद के लिए दो-दो नाम पूछे गए। उनकी अच्छाई और कमी भी पूछी गई। इसके बाद सभी विधायकों ने एक स्वर में एक प्रस्ताव पारित किया। इसमें कहा गया कि कांग्रेस हाईकमान जो भी फैसला लेगा वह सभी विधायकों को मंजूर होगा। फिर ये प्रस्ताव कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को भेज दिया गया।

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