आवाज़ ए हिमाचल
ब्यूरो,धर्मशाला
23 दिसंबर।हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला ने 2013-14, 2015- 16 और 2017- 18 के उन छात्रों को रिअपीएर का मौका दिया है जिनकी डिग्रियां पेपर पास ने होने के कारण पूरी नही हो पाई है, लेकिन इसके तहत छात्र अपनी डिग्री पूरी कर सकते है। इस निर्णय को एक्ससिक्यूटिव काउंसिल ने अप्रूव किया है। जिसके तहत अंडर ग्रेजुएट विद्यार्थियों को रूसा के तहत परीक्षा देने का मौका मिला है। यह मौका तो विद्यार्थियों को मिला है लेकिन इसके साथ ही एक बड़ी चुनौती भी विद्यार्थियों के सामने फीस की अदायगी को लेकर है। काउंसिल ने विद्यार्थियों पर भारी फीस का बोझ डाला है जोकि 5 हज़ार रुपये प्रति संकाय निश्चित किया गया है जोकि सबसे अधिक चिंता का कारण है।
विद्यार्थी इस बात से परेशान है कि कोरोना काल में पेपर की फीस कैसे भरी जाए और सबसे अधिक चिंता तो उन विद्यार्थियों के सामने है जिनके परिवार का गुजारा बड़ी मुश्किल से चल रहा है।इस समस्या के बारे में एनएसयूआई के जिलाध्यक्ष कांगड़ा पुनीत धीमान ने कहा जो फीस विश्विद्यालय ने निर्धारित की उसे कम किया जाए ताकि सभी विद्यार्थी परीक्षा दे सकें। उन्होंने कहा कि इस तरह से विद्यार्थियों पर फीस का बोझ डालना तर्क संगत नहीं है इससे कई विद्यार्थी परीक्षा देने से बंचित रह जाएंगे इसलिए फीस को कम किया जाए ताकि विद्यार्थी अपनी परीक्षा पास कर सकें।