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धर्मशाला। कांगड़ा हवाई अड्डे के विस्तार के लिए कसरत तेज हो गई है। इसी कड़ी में मांझी खड्ड के करीब 23 किलोमीटर के क्षेत्र का सर्वे करवाया जाएगा। इसके लिए जिला प्रशासन की ओर से केंद्रीय जल और विद्युत अनुसंधानशाला (सीडब्ल्यूपीआरएस) पुणे के वैज्ञानिकों से परामर्श लिया जाएगा। पुणे के विशेषज्ञों की तीन सदस्यों की टीम डॉ. आरजी पाटिल की अध्यक्षता में तीन दिवसीय दौरे पर कांगड़ा पहुंच चुुकी है। सर्वे में विशेषज्ञों की टीम सनौरा से मांझी खड्ड के उद्गम स्थल का निरीक्षण कर रनवे ब्रिज निर्माण और पर्यावरण के आकलन समेत पारिस्थिति की पहलुओं से जुड़े आंकड़ों को एकत्रित कर पुणे में रनवे ब्रिज निर्माण का मैथेमेटिकल मॉडल तैयार करेगी। इसको लेकर टीम ने मंगलवार को मांझी खड्ड सनौरा, चैतड़ू, खनियारा और मांझी खड्ड के उद्गम स्थल का दौरा किया।
इसके साथ ही उपायुक्त डॉ. निपुण जिंदल ने वैज्ञानिकों के इस दल सहित सभी संबंधित एजेंसियों से बैठक की। उन्होंने बताया कि बैठक में वैज्ञानिकों के दल के सहयोग के लिए जिलास्तरीय कमेटी के गठन का निर्णय लिया गया है। उनके कार्य को लेकर विचारार्थ विषय (टर्म ऑफ रेफरेंस) निर्धारित किए गए हैं। बैठक में एडीएम रोहित राठौर, उप निदेशक पर्यटन विनय धीमान सहित जलशक्ति विभाग, लोक निर्माण विभाग, भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण कांगड़ा और एनएचएआई सहित परियोजना से जुड़े अन्य एजेंसियों के अधिकारी उपस्थित रहे।
डीसी की अध्यक्षता में बनी कमेटी
डीसी की अध्यक्षता में गठित इस कमेटी में कांगड़ा के जल शक्ति विभाग धर्मशाला और लोक निर्माण विभाग पालमपुर के अधीक्षण अभियंता, जल शक्ति विभाग शाहपुर, कांगड़ा और धर्मशाला तथा लोक निर्माण विभाग शाहपुर व कांगड़ा के अधिशासी अभियंता, भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण कांगड़ा के निदेशक, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के उप प्रबंधक और जिला खनन अधिकारी को सदस्य के रूप में शामिल किया गया है।
जिला स्तरीय कमेटी सीडब्ल्यूपीआरएस पुणे के वैज्ञानिकों के दल को प्रस्तावित निर्माण से संबंधित मुख्यत: पांच बिंदुओं को लेकर रिपोर्ट बनाने में सहयोग देगी।
1. मांझी खड्ड पर बनी पानी की योजनाओं को बहाल रखने और उनके स्वाभाविक बहाव को कायम रखने के साथ पारिस्थतीकीय पहलुओं को लेकर परामर्श देना।
2.खड्ड के ऊपरी और निचले सिरों पर टिकाऊ ढांचागत निर्माण को लेकर सलाह देना।
3. खड्ड के तटीकरण व चेक डैम बनाने और रनवे ब्रिज निर्माण को लेकर मार्गदर्शन करना।
4. प्रस्तावित रनवे ब्रिज क्षेत्र को आवश्यकता होने पर पूर्णत: खनन प्रतिबंधित क्षेत्र घोषित करने की जरूरत को लेकर राय देना।
5. प्रशासन और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को प्रस्तावित एनएच के रीअलाइनमेंट के चलते मांझी खड्ड पर प्रस्तावित पुल निर्माण को लेकर विशेषज्ञ परामर्श देना।