आवाज़ ए हिमाचल
जी डी शर्मा, राजगढ़। राजगढ़ व इसके आस-पास के लोगों को अब शल्य चिकित्सा के लिए सोलन, शिमला नहीं जाना पड़ेगा। यहां काफी समय से बंद पड़े शल्य चिकित्सा कक्ष में पुनः शल्य चिकित्सा आरंभ हो गई है। नागरिक चिकित्सालय राजगढ़ में दो शल्य चिकित्स्कों व एक एनेस्थीसिया चिकित्सक की नियुक्ति के बाद अब नागरिक अस्पताल राजगढ़ में शल्य चिकित्सा आरंभ हो गई है और राजगढ़ के साथ-साथ हरिपुरधार व नोहरधार क्षेत्र के लोगों को अपेंडिक्स, हर्निया व पिते की पत्थरी के ऑपरेशन के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा।
नागरिक चिकित्सालय राजगढ़ में डा. मुकुल शर्मा व डा. मस्तराम सिंघा ने बतौर सर्जन कुछ माह पूर्व ही यहां नियुक्ति ली थी लेकिन एनेस्थीसिया चिकित्सक न होने के कारण आपरेशन आरम्भ नहीं हो पा रहे थे। लेकिन हाल ही में डा. गरिमा की बतौर एनेस्थीसिया चिकित्सक नियुक्ति के बाद शल्य चिकित्सा भी आरम्भ हो गई है और अब लोगों को शल्य चिकित्सा के लिए सोलन या शिमला नहीं जाना पड़ेगा। डॉ. मुकुल शर्मा, डॉ. मस्तराम सिंघा व डॉ. गरिमा की टीम ने इमरजेंसी में तीन मरीजों के अपेंडिक्स के आपरेशन को सफलतापुर्वक अंजाम दिया। डॉ. मुकुल शर्मा ने बताया कि उनकी टीम ने पित की थैली के दो ऑपरेशन के अतिरिक्त कुछ हर्निया के ऑपरेशन भी राजगढ़ अस्पताल में किए है। सफल ऑपरेशन के बाद सभी मरीज स्वस्थ घर लौट चुके हैं और दो मरीजों को भी एक-दो दिन में डिस्चार्ज कर दिया जायेगा। डॉ. मुकुल ने कहा कि राजगढ़ अस्पताल में अब शल्य चिकित्सा संबंधी उपचार के लिए पुरी टीम उपलब्ध है और मरीजों को सलाह व उपचार के लिए बाहर जाने की आवश्यकता नहीं है।
खंड चिकित्सा अधिकारी डॉ. उपासना व नागरिक अस्पताल राजगढ़ के प्रभारी डाक्टर अशोक ठाकुर ने कहा कि राजगढ़ अस्पताल में ऑपरेशन थियेटर आरम्भ कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि राजगढ़ अस्पताल में एमडी मेडिसन डॉ. साहिल गुप्ता बच्चों की चिकित्सक डॉ. सोनम न आँखों की चिकित्सक भी अपनी सेवाएं दे रहे हैं और लोगों को सरकारी अस्पताल में बेहतर व निशुल्क सुविधाएं प्राप्त हो रही हैं।