बीएड को जेबीटी टेट में एंट्री पर धर्मशाला में सड़कों पर उतरे प्रशिक्षु, कक्षाओं का किया बहिष्‍कार 

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आवाज़ ए हिमाचल

धर्मशाला। बीएड की जेबीटी टेट में एंट्री को लेकर धर्मशाला जिला शिक्षा व प्रशिक्षण संस्थान जेबीटी प्रशिक्षु सड़कों पर उतर आए। डाईट धर्मशाला में भी सोमवार को कक्षाओं का बहिष्कार किया गया। शहर में रोष रैली निकाली गई। जेबीटी यूनियन के प्रदेश महासचिव जगदीश परयाल, उपाध्यक्ष मुन्ना वा मोती लाल ने कहा जब तक शिक्षा विभाग इस व्यवस्था को नहीं बदलता है, तब तक जेबीटी प्रशिक्षुओं की ओर से कक्षाओं का बहिष्कार जारी रहेगा।

उन्होंने कहा हाल ही में हिमाचल प्रदेश शिक्षा बोर्ड धर्मशाला ने विभिन्न विषयों की टेट परीक्षा के फार्म निकाले हैं, जिसमें जेबीटी टेट परीक्षा में इस बार बीएड वालों को भी एंट्री दी गई है। जिस पर जेबीटी प्रशिक्षित बेरोजगार संघ ने रोष प्रकट कर एक बार फिर कोर्ट की ओर रुख किया है।  वहीं जेबीटी कर रहे प्रशिक्षुओं ने भी अपनी कक्षाओं का बहिष्कार कर दिया है। जेबीटी प्रशिक्षुओं का कहना है जेबीटी टेट में बीएड को लाने से हमारे हक को छीना जा रहा है, हम तब तक कक्षाओं का बहिष्कार करेंगे, जब तक शिक्षा विभाग इसे ठीक नहीं करता।

2018 की नोटिफ‍िकेशन का हवाला देकर बीएड को एंट्री

वहीं जेबीटी संघ का कहना है कि यह शिक्षा बोर्ड का बहुत ही गलत निर्णय है। इस निर्णय से प्रदेश के 45 हज़ार जेबीटी के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। शिक्षा विभाग 2018 की नोटिफिकेशन का हवाला देकर बीएड को एंट्री दे रहा है। लेकिन वह नोटिफिकेशन तो राजस्थान हाई कोर्ट ने खारिज कर दी थी और हिमाचल में भी केस रिव्यू के लिए हाई कोर्ट में लगा हुआ है।

 
संघ बोला, सुप्रीम कोर्ट ने लेना था अंतिम निर्णय

संघ के कहा कि इस केस पर अंतिम निर्णय सुप्रीम कोर्ट ने लेना था, लेकिन इससे पहले शिक्षा विभाग की ऐसी नोटिफिकेशन निकलना जेबीटी के हित में नहीं है। संघ ने कहा शिक्षा विभाग ने अभी पीछे हुई जेबीटी की भर्ती में कुछ फर्ज़ी लोगों को जेबीटी में एंट्री दी है। जिनके पास भर्ती के डाक्यूमेंट्स फर्ज़ी पाए गए हैं। उनके खिलाफ भी जल्द कार्रवाई शुरू की जाएगी और जिन्होंने भी उनके डाक्यूमेंट्स चेक नहीं किए तथा फर्ज़ी एंट्री करवाई है, उन्हें भी बख्‍शा नहीं जाएगा। शिक्षा विभाग के इस बीएड को जेबीटी टेट में एंटर करने के फैसले को लेकर प्रदेश की हर डाईट से रोष जताया जा रहा है तथा कक्षाओं का बहिष्कार किया जा रहा है।

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