चंबी रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया पटाकू का जिक्र, परिवार गदगद, विधायक का बेटा चंबी में आज भी चलाता है ढाबा
आवाज़ ए हिमाचल
अजय पंकिल, शाहपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शाहपुर के चंबी में आयोजित चुनावी सभा में शाहपुर के पूर्व विधायक स्वर्गीय चौधरी रामरत्न पटाकू के नाम का जिक्र करना, पटाकू परिवार को एक बड़ी सांत्वना दे गया है। शाहपुर व जिला में जनसंघ के संस्थापक सदस्यों में रहे पटाकू का भाजपा संगठन को खड़ा करने में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। विकट पारिवारिक परिस्तिथियों के वावजूद भी उन्होंने संगठन के दिशा-निर्देशों पर आपातकाल के विरुद्ध सत्याग्रह किया और कई माह जेल में भी रहे। पार्टी के प्रति समर्पण भाव को देखते हुए ही वर्ष 1977 में इन्हें टिकट मिला और वह यहां से जनता पार्टी की टिकट पर विधायक चुने गए। पार्टी के प्रति उनका प्रेम व वफादारी का ही नतीजा था कि जब जनता पार्टी के विघटन के समय शांता कुमार के नेतृत्व की सरकार के अनेकों विधायक दलबदल कर कांग्रेस में जा मिले, उन विकट परिस्तिथियों में भी पटाकू शांता कुमार व संगठन के साथ खड़े रहे, परन्तु यह भी सत्य है कि प्रदेश भाजपा में जब द्वितीय व तृतीय पंक्ति का नेतृत्व आगे आया तो पटाकू एक गुमनामी के दौर में हो गए। उनके अंतिम समय में भी उन्हें अपने संगठन के स्थानीय, जिला व प्रदेश स्तरीय नेताओं की अनदेखी झेलनी पड़ी।
विधायक बनने से पहले रामरत्न पटाकू अपना व अपने परिवार के पालन पोषण के लिए चंबी में एक घराट (आटा चक्की) चलाया करते थे। रजोल में उन्होंने खड्डी (ऊन की चद्दर बुनाई) का काम भी किया। उनके सुपुत्र आलोक पटाकू का आज भी चंबी में एक ढाबा है। रामरत्न पटाकू द्वारा शाहपुर में जनसंघ, जनता पार्टी, भारतीय जनता पार्टी तथा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अन्य सहयोगी संगठनों को दिए गए योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता। विधायक रहने के अतिरिक्त उन्होंने संगठन में भी अनेक महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों का निर्वहन बड़ी मेहनत व ईमानदारी से किया।
आपातकाल के विरोध में कई माह जेल में रहे हिमाचल प्रदेश सरकार के पूर्व अतिरिक्त महाधिवक्ता एडवोकेट राकेश भारती ने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा जनसभा में रामरत्न पटाकू के नाम का जिक्र करने से पटाकू परिवार को तो सम्मान मिला परन्तु साथ ही भाजपा संगठन में उन जैसे अनेकों पुराने व निष्ठावान कार्यकर्ता भी गौरवान्वित हुए हैं जिन्होंने स्वर्गीय पटाकू के साथ संगठन में काम किया है।