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रिकांगपिओ (किन्नौर)। देश के पहले मतदाता श्याम सरन नेगी का आज सुबह निधन हो गया। 106 वर्षीय नेगी ने आज सुबह अपने घर कल्पा में अंतिम सांस ली। वो पिछले कुछ समय से अस्वस्थ चल रहे थे। इसी के चलते 2 नवंबर यानी बुधवार को उन्होंने वोट डाला था। हालांकि श्याम सरन नेगी हर बार मतदान करने पोलिंग बूथ पर जाते थे लेकिन उनके शरीर ने जब साथ नहीं दिया तो परिवार वालों की बात मान ली और घर पर ही मतपत्र से वोट डाला। सीएम जयराम ठाकुर ने श्याम सरण नेगी के निधन पर शोक व्यक्त किया है।
हिमाचल विधानसभा के लिए 12 नवंबर को मतदान होना है, लेकिन चुनाव आयोग ने 80 वर्ष से अधिक आयु वर्ग और दिव्यांगजनों के लिए घर से मतदान की व्यवस्था की है। डीसी किन्नौर आबिद हुसैन सादिक ने कहा कि उनका अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ होगा।
श्याम सरण नेगी का जन्म सन 1917 में हुआ था। दस साल की उम्र में वह स्कूल गए और उन्होंने पांचवीं तक की पढ़ाई कल्पा में की। इसके बाद वह पढ़ाई के लिए रामपुर भी गए। रामपुर जाने के लिए पैदल तीन दिन लगते थे। उन्होंने नौंवी तक की पढ़ाई रामपुर (Rampur) में ही की। उम्र ज्यादा होने पर उन्हें दसवीं कक्षा में प्रवेश नहीं मिला था। वहीं उन्होंने 1940 से 1946 तक वन विभाग में नौकरी की। इसके बाद शिक्षा विभाग में चले गए और कल्पा में में लोअर मिडल स्कूल में अध्यापक बन गए। श्याम सरण नेगी ने आजादी के बाद अपना पहला वोट 25 अक्टूबर सन 1951 को डाला था। कल्पा जनजातीय जिले का हिस्सा है। यहां बर्फबारी होने से पहले ही मतदान प्रक्रिया हो गई थी और श्याम सरण नेगी ने सबसे पहले वोट डाला था। देश में फरवरी 1952 में पहला लोकसभा चुनाव हुआ लेकिन किन्नौर में भारी हिमपात के चलते पांच महीने पहले सितंबर 1951 में ही चुनाव हो गए।