ब्रिज मैनेजमेंट कंपनी के खिलाफ मामला दर्ज
आवाज़ ए हिमाचल
मोरबी। गुजरात के मोरबी में रविवार को हुए केबल ब्रिज हादसे में अब तक 141 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 177 लोगों को रेस्क्यू किया जा चुका है। लोगों को बचाने के लिए लगातार राहत और बचाव कार्य चल रहा है। तो वहीं, ब्रिज बनाने वाली कंपनी के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज हुआ है। फिलहाल इस हादसे की जांच की जा रही है। राज्य के गृह मंत्री हर्ष संघवी ने बताया कि आईजीपी रैंक के अधिकारी के नेतृत्व में इसकी जांच शुरू कर दी गई है। पीड़ित परिवारों को 6-6 लाख मुआवजे का ऐलान किया गया है। उन्होंने बताया है कि सभी रातभर राहत बचाव के काम में लगे रहे। नौसेना, एनडीआरएफ, एयर फोर्स और आर्मी के जवान घटना के बाद तत्काल मौके पर पहुंचे। रातभर करीब 200 से ज्यादा जवान तलाशी और राहत कार्यों में लगे रहे।
मोरबी हादसे में जिन 141 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है उनमें 40 बच्चे शामिल हैं। राष्ट्रपति से लेकर पीएम तक सभी ने इस हादसे पर दुख जताया है और पीड़ित परिवारों को अनुग्रह राशि देने की भी घोषणा की है। हादसे के बाद गुजरात सरकार ने हेल्पलाइन नंबर जारी किया है. हादसे से जुड़ी जानकारी के लिए 02822243300 नंबर पर कॉल कर पता किया जा सकता है। सेना, नौसेना, वायुसेना, एनडीआरएफ और फायर ब्रिगेड की टीमें मौके पर सर्च ऑपरेशन चला रही है. गुजरात पुलिस की मरीन टास्क फोर्स ने रातभर मच्छु नदी में रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया।
मोरबी में मच्छु नदी पर इस पुल का निर्माण साल 1880 में पूरा हुआ था और इसका उद्घाटन मुंबई के गवर्नर रिचर्ड टेम्पल ने किया था। उस वक्त इसे बनाने में करीब 3.5 लाख रुपये खर्च हुए थे। यह पुल पिछले 6 महीने से मरम्मत की वजह से लोगों के लिए बंद था। 25 अक्टूबर से इसे फिर से लोगों के लिए खोला गया था। इन 6 महीनों में पुल की मरम्मत पर करीब 2 करोड़ रुपये खर्च हुए थे। हादसे के बाद कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। यहां रोज बड़ी संख्या में लोग घूमने आते थे क्योंकि ये पुल हवा में झूलता रहता था और यह बिल्कुल ऋषिकेश के राम और लक्ष्मण झूले जैसा पुल था इसलिए बड़ी संख्या में लोग यहां आते थे। रविवार को इस पुल पर एक साथ करीब 500 लोग जमा हुए और पुल इतना बोझ नहीं झेल सका और टूटकर नदी में गिर गया, जिससे लोग बहने लगे।