लगातार दूसरी बार यूनियन के अध्यक्ष बने मोहिंद्र सिंह, धर्मशाला में की प्रेस कांफ्रेंस
आवाज़ ए हिमाचल
केशव, धर्मशाला। हिमालयन गद्दी यूनियन हिमाचल प्रदेश की नई कार्यकारिणी का गठन किया गया है, जिसमें लगातार दूसरी बार मोहिंद्र सिंह को अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंपी गई है। शुक्रवार को धर्मशाला में हिमालयन गद्दी यूनियन के कांगड़ा-चंबा के पदाधिकारियों ने संयुक्त रूप से प्रेस कांफ्रेंस की।
पत्रकारों से बातचीत करते हुए यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष मोहिंद्र सिंह ने कहा कि गद्दी समुदाय की वंचित छह उपजातियों के साथ प्रदेश सरकार अन्याय कर रही है। समुदाय की 25 फीसदी उपजाति के लोगों को गद्दी शब्द मिला है, जबकि 75 फीसदी को वंचित रखा गया है, मोहिंद्र सिंह ने कहा गद्दी समुदाय की वंचित उपजातियों में छह को अब तक वंचित रखा गया, जिसमें हाली, सिप्पी, वाड़ी, ढोगरी, रिहाड़े व लोहार शामिल हैं। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से मुलाकात कर ये मांग उठाई थी और प्रदेश सरकार ने तत्कालीन डीसी से जांच करवाई थी जिसके आधार पर तीन-तीन बार रिपोर्ट बनाने के बाद सरकार के पास भेजी गई, जिसमें स्पष्ट रूप से उपजातियों के साथ गद्दी शब्द जोड़ने की सिफारिश करने सहित भेजी जबकि अब तक मांग पर कोई कदम नहीं उठाया गया।
उन्होंने कहा कि वह अब तक अपनी मांगों को लेकर 16 बार सीएम से मुलाकात कर चुके हैं। इस बीच फिर सीएम से मिलने पर चौथी रिपोर्ट भी मांगी, जोकि डीसी की ओर से सभी उपमंडल स्तर के अधिकारियों की ओर से हिमाचल सरकार को भेजी गई, जिसमें भी वंचित उपजातियों के साथ गद्दी शब्द जुड़ना अनिवार्य बताया गया है, बाबजूद इसके अब तक कोई उचित कार्रवाई नहीं हुई है। वहीं, अब 21 सितंबर को एक बार फिर से जिला चंबा से भी रिपोर्ट जांच के लिए भेज दी है।
यूनियन के अध्यक्ष मोहिंद्र सिंह ने कहा कि चार-चार बार जांच करवाने के बाद भी आखिर क्यों सीएम जयराम ठाकुर रुके हुए हैं। उन्होंने कहा कि 14 विधानसभा क्षेत्रों में चार लाख की जनसंख्या रहती है। अगर उनकी डिमांड पूरी नहीं कि जाती है, तो उसका परिणाम भाजपा सरकार को भुगतना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि बड़े स्तर पर भी आंदोलन करने के बावजूद वर्तमान सरकार ने चार लाख लोगों को पूरी तरह से नाराज किया है। उन्होंने गद्दी समुदाय के सांसद, नेताओं व विधायकों पर भी कड़ा आक्रोश जताया है कि उनकी ओर से भी सही तरीके से बात नहीं उठाई गई।