आवाज़ ए हिमाचल
शिमला। हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए आदर्श आचार संहिता लगने से पहले 400 गांवों को नगर नियोजन विभाग (टीसीपी) के दायरे से बाहर करने की तैयारी तेज हो गई है। सरकार ने नियम तैयार कर लिए हैं। अधिसूचना जारी करने से पहले इन नियमों पर राय लेने के लिए फाइल विधि विभाग को भेजी गई है। यहां से हरी झंडी मिलते ही 21 योजना क्षेत्रों और 15 विशेष क्षेत्रों में शामिल इन गांवों के ग्रामीणों को राहत दे दी जाएगी। प्रदेश सरकार ने हाल ही में कैबिनेट बैठक में कुछ क्षेत्रों को हिमाचल प्रदेश ग्राम एवं नगर योजना अधिनियम-1977 के दायरे से बाहर करने का निर्णय लिया था।
जल शक्ति मंत्री की अध्यक्षता में गठित कैबिनेट की उप समिति की सिफारशें स्वीकार करते हुए सरकार ने यह निर्णय लिया था। इस उप समिति ने फोरलेन राष्ट्रीय राजमार्गों के दोनों ओर नियंत्रण चौड़ाई के किनारे से 50 मीटर के बाहर के क्षेत्रों, राष्ट्रीय राजमार्गों के दोनों ओर नियंत्रण चौड़ाई के किनारे से 30 मीटर के बाहर और राज्य राजमार्ग अथवा मुख्य जिला मार्गों के दोनों ओर नियंत्रण चौड़ाई के किनारे से 10 मीटर के बाहर के क्षेत्रों को ग्राम एवं नगर योजना अधिनियम -1977 के दायरे से बाहर करने की सिफारिश की थी। टीसीपी का मानना है कि सरकार के इस फैसले से करीब 400 गांव बाहर होंगे। जिन गांवों को डेवलपमेंट प्लान में शामिल किया है, उन्हें बाहर नहीं किया जाएगा।
ये होंगे फायदे:- नक्शा पास कराए बिना कर सकेंगे भवनों का निर्माण, बिजली और पानी के लिए एनओसी की जरूरत नहीं, बिना सेटबैक के भवनों का निर्माण कार्य हो सकेगा, टीसीपी, शहरी निकायों के कार्यालय में चक्कर काटने से भी छुटकारा मिलेगा।
इसको लेकर जल शक्ति मंत्री एवं कैबिनेट उप समिति के अध्यक्ष महेंद्र सिंह ठाकुर का कहना है कि हिमाचल के ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को राहत देने के लिए यह फैसला लिया गया है। 400 से ज्यादा गांव टीसीपी से बाहर होंगे। कैबिनेट उप समिति ने रिपोर्ट तैयार करने से पहले मौके पर जाकर जायजा लिया है।