आवाज़ ए हिमाचल
संदीप महाजन, सिहुंता। भटियात उपमंडल की ककरोटी पंचायत के पिछले दिनों बरसात में बरपे कहर से प्रभावित परिवारों ने गृह निर्माण हेतु जमीन व आर्थिक मदद न मिलने पर सरकार व प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए आंदोलन की राह अपना ली है। प्रभावितों ने शुक्रवार व शनिवार को सडक़ किनारे बैठकर मांगों के समर्थन में धरना दिया और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इस प्रदर्शन में महिलाओं, बुजुर्गों के साथ-साथ बड़ी संख्या में बच्चों ने भी भाग लिया।
प्रभावितों का कहना है कि अगर दो दिनों के भीतर मांग को पूरा न किया गया तो वे सडक़ों पर उतरकर चक्का जाम करेंगे, जिसकी सारी जिम्मेदारी सरकार व प्रशासन की होगी।
प्रभावित परिवारों में रजनी देवी, काका राम, प्रीतम चंद, विनोद कुमार, राजमल, संतोष कुमारी, कलासो देवी, देसराज, राजकुमार, दर्शना देवी व राज कुमार आदि का कहना है कि अगस्त माह में भारी बारिश के कारण मकान व जमीन दरकने से 45 परिवार विस्थापित होकर रह गए हैं। वे पिछले 45 दिनों से टेंटों में रहकर गुजर-बसर कर रहे हैं। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने स्वयं मौके पर आकर प्रभावितों का दर्द बांटने के साथ जल्द जमीन व गृह निर्माण के लिए आर्थिक मदद देने की बात कही थी। प्रशासन की ओर से भरोसा दिलाया गया था कि केंद्रीय टीम के दौरे के उपरांत आगामी कार्रवाई की जाएगी। मगर बड़े खेद का विषय है कि केंद्रीय टीम के दौरे के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है। वैकल्पिक शिविर में कई तरह की मुश्किलें पेश आ रही है। इस कारण प्रभावितों को मजबूरन अब आंदोलन की राह अपनानी पड़ रही है। उन्होंने सरकार व प्रशासन को मांगों को पूरा करने के लिए मात्र 2 दिन का अल्टीमेटम दिया है।
45 दिन बाद भी प्रभावितों की सुध न लेना दुर्भाग्यपूर्ण: कुलदीप पठानिया
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पूर्व चेयरमैन एवं कांग्रेस चुनाव प्रबंधन समिति के उपाध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि यह बड़े दुर्भाग्य की बात है कि 45 दिन बीत जाने के बाद भी सरकार ने प्रभावितों की कोई सुध नहीं ली। उन्होंने कहा कि प्रभावितों को जमीन उपलब्ध करवाने के साथ ही गृह निर्माण के लिए विशेष आर्थिक पैकेज सरकार की ओर से जारी किया जाना चाहिए।