आवाज ए हिमाचल
सुमित शर्मा, परवाणू
01 अक्टूबर।परवाणू के साथ लगते औद्योगिक क्षेत्र खडीन में पिछले तीन वर्षो से सीवरेज के ओवर फ्लो होकर सड़क पर बहने से स्थानीय ग्रामवासियों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
ग्रामीणों का कहना है की बीते कई वर्षों से खडीन स्थित अनुष्पा कंपनी के गेट के साथ बना सीवरेज चेंबर लम्बे समय से ओवर फ्लो होकर खुले में बह रहा है,जिस कारण यहां सड़क व साथ लगते घरों में रहने वाले ग्रामीणों व इस रोड़ से पैदल आने जाने वालों को भारी परेशानी उठानी पड़ रही है। जानकारी के अनुसार तीन कंपनियां हैं जिनके कारण ग्रामवासियों को परेशानी हो रही है।
इस समस्या से परेशान ग्रामवासी इकट्ठे हुए और कंपनी के अधिकारियों को सीवरेज चेंबर की समस्या को ठीक करने को कहा। इस दौरान बात इतनी बढ़ गई की माहौल गर्म होकर हाथापाई का बन गया। कुछ लोगों ने बीच बचाव कर मामला शांत किया और उसके बाद पंचायत प्रधान व सभी ग्रामवासी उक्त कंपनी के पदाधिकारियों के साथ हिमुडा दफ्तर पहुंचे।
स्थानीय ग्रामीणों का कहना है की यह सीवरेज लाइन परवाणू हिमुडा के अधीन है और इस बारे कई बार हिमुडा को शिकायत की जा चुकी है पर विभाग के कानों में आज तक जूं तक नहीं रेंगी। वहीं निजी कंपनी वालों का कहना है की वह हर वर्ष हिमुडा को सालाना शुल्क देते हैं और इस समस्या का समाधान करना भी हिमुडा विभाग का ही काम है।
इस बारे स्थानीय ग्रामवासी भजन सिंह ने कहा की उपरोक्त समस्या आज की नहीं अपितु पिछले दो तीन वर्षों से है और इस बारे कंपनी प्रबंधन को और हिमुडा को कई बार शिकायत की गई परंतु ना ही निजी कंपनी और ना ही हिमुडा ने उनकी बात सुनी है। इसी गंभीर परिस्थिति को लेकर स्थानीय ग्रामवासियों द्वारा हिमुडा दफ्तर में पहुंचकर अपना रोष प्रकट किया गया और हिमुडा को जल्द ही समस्या के समाधान बारे तुरंत कार्यवाही करने की मांग उठाई।
ग्रामवासियों ने कहा की यदि इस बार भी विभाग कोई कार्यवाही नहीं करता है तो फ़िर यह रोष एक बड़े आंदोलन का रूप लेगा जिसकी जिम्मेदारी स्थानीय प्रशासन व हिमुडा विभाग की होगी।
इस बारे प्रदूषण विभाग के एसडीओ प्रदीप मोदगिल में बताया की उपरोक्त मामला मेरे संज्ञान में आया है। जो भी ग्रामवासियों के हित में होगा वह किया जाएगा।
हिमुडा के अधिशासी अभियंता गिरीश शर्मा ने कहा की जिस कंपनी के बल्क वेस्ट के कारण सीवरेज के ओवरफ्लो होने की शिकायत मिली है उस कंपनी को विभाग पहले भी नोटिस दे चुका है। इंडस्ट्री को अपना एसटीपी प्लांट लगाना ही पड़ेगा अन्यथा उनके उपर विभाग की और से सख्त कदम उठाये जायेंगे।