राजनाथ सिंह बोले- साहसी नेतृत्‍व होता तो आज POK विवाद न होता, ज्‍वालामुखी में बलिदानी परिवारों को किया सम्‍मानित 

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आवाज़ ए हिमाचल 

ज्‍वालामुखी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हिमाचल प्रदेश के ज्‍वालामुखी में बलिदानी परिवारों के सदस्‍यों को सम्‍मानित किया। राजनाथ सिंह ने इस दौरान संबोधन में कहा भारत ने हमेशा विश्व शांति का संदेश दिया है। देश के स्वाभिमान को ललकारने वालों को मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। रक्षा मंत्री ने कहा साहसी नेतृत्व होता तो आज पीओके विवाद ही न होता। तब सही नेतृत्‍व की कमी के कारण ही आज पीओके विवाद है। युद्धपोतों पर महिला की तैनाती की जा रही है।

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी के नेतृत्व में आठ साल में भारत के प्रति दुनिया का नजरिया बदला है। देश का नेतृत्व करने वाले कभी कबूतर छोड़ते थे, अब चीते छोड़ने का जमाना आ गया है। देश की शौर्य, समर्पण की संस्कृति है। देश की सेना धर्म व कर्म वाली है। देश की रक्षा में हिमाचल का योगदान अनुकरणीय है। हमें जीतने के लिए किसी शस्त्र की जरूरत नहीं है। शास्त्रों से भी जीत हासिल की जा सकती है। अपने आत्म सम्मान के लिए शस्त्र उठाना भी जरूरी है। देव भूमि है, यहां के लोग मेहनती हैं। भारत के लोग शांति के मार्ग पर चलते हैं। भारत गुरु बनेगा व विश्व शांति के मार्ग पर चलेगा। उन्होंने मेजर सोमनाथ शर्मा, कैप्टन बिक्रम बत्रा सहित हिमाचल के कई बलिदानियों को याद किया। आने वाले 25 सालों के लिए भारत के विकास का रोडमैप तय है। आने वाले एक दशक के भीतर भारत 311 सैन्य उपकरणों का आयात बंद करेगा। सभी 311 रक्षा उपकरण भारत की धरती पर बनाए जाएंगे। रक्षा मंत्री ने राज्य सरकार की पीठ भी थपथपाई।

 इस मौके पर मौजूद राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह सुरेश भैय्या जोशी ने कहा देश की रक्षा के लिए आहुति में सभी का योगदान है। बलिदान का इतिहास रहा है, देश की आजादी के लिए सभी ने संघर्ष किया है। शौर्य की भावना रखना जरूरी है, अपनी शक्ति का कभी दुपयोग नहीं किया।

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