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अभिषेक मिश्रा, बिलासपुर। स्वास्थ्य विभाग की तरफ से नाल गाँव में विश्व अल्जाइमर दिवस पंचायत प्रधान रणजीत सिंह की अध्यक्षता में मनाया गया। हेल्थ एजुकेटर विजय कुमारी तथा मस्त राम ने उपस्थित लोगों को इसके बारे में जानकारी देते हुए बताया कि अल्जाइमर दिवस 21 सितंबर को मनाया जाता है। इसका उद्देश्य अल्जाइमर के बारे में जागरूकता पैदा करना है। अल्जाइमर्स डे 2022 की थीम है- “ज्ञान की शक्ति’ को जानें, अल्जाइमर को जानें। 1906 को जर्मन मनोरोग विशेषज्ञ डॉ. अलोइस अल्जाइमर अल्जाइमर्स का पहला केस सामने लाए थे। 2012 के बाद से 21 सितंबर को हर साल विश्व अल्जाइमर दिवस मनाया जाता है। अल्जाइमर नर्वस सिस्टम से जुड़ी एक ऐसी बीमारी है जो यादाश्त पर बुरा असर डालती है। इसके मरीजों को छोटी-छोटी चीजें याद रखने में भी बहुत मुश्किल होती है।
बुजुर्गों में ज्यादा देखने को मिलती है ये बीमारी
भारत में करीबन 40 लाख लोग घटती याददाश्त की समस्या से जूझ रहे हैं। अल्जाइमर की समस्या उम्र बढ़ने के साथ-साथ आनी शुरू हो जाती है। इस रोग से प्रभावित रोगी की मस्तिष्क की कोशिकाओं का एक-दूसरे से संपर्क टूटने लगता है और धीरे-धीरे मृत स्थिति में आ जाता है। आसान शब्दों में समझें तो अल्जाइमर रोग एक मानसिक विकार है, जिसके कारण मरीज की याद्दाश्त कमजोर हो जाती है और उसका असर दिमाग के कार्यों पर पड़ता है. अमूमन 65 साल की उम्र के बाद लोगों में यह बीमारी देखने को मिलती है. एक अनुमान के मुताबिक 2050 तक दुनिया में अल्जाइमर्स के मरीजों की संख्या 15.2 करोड़ हो जाएगी। पुरुषों में जहां 60 वर्ष की अवस्था में अल्जाइमर की शिकायत शुरू होती है, वहीं महिलाओं में इसके लक्षण 45 वर्ष की अवस्था में दिखते हैं।
अल्जाइमर के लक्षणों के बारे में बताते हुए विजय कुमारी ने बताया कि किसी बात को समझने में समस्या, किसी काम को बहुत कोशिश के बाद भी याद न रख पाना, सोचने-समझने की शक्ति कम हो जाना, अपने में ही खोए रहना, मेल-जोल बंद कर देना , सुबह-सुबह भूल जाना कि नाश्ता किया था या नहीं , लोगों के नाम याद करने में समस्या, डिप्रेशन या एंजाइटी महसूस करना, अपनी भावनाओं को व्यक्त करने में दिक्कत महसूस होना, दिन, तारीख, महीना और साल तक भूल जाना, किसी काम को शुरू करने के बाद भूल जाना कि क्या करने वाले थे यह मुख्य लक्षण है। अल्जाइमर से बचाव करने के लिए मनुष्यों को मानसिक रूप से अपने को स्वस्थ रखना चाहिए, पसंद का संगीत सुनें, रोजाना एरोबिक्स करें , 8-10 घंटे की नींद लें। ऐसी गतिविधियों में हिस्सा लें जिसमें दिमाग की कसरत हो, लोगों से मिलना जुलना जारी रखें।
इस मौके पर स्वास्थ्य कार्यकर्ता इंदिरा देवी, आंगनबाड़ी सुपरवाइजर हेमलता, आशा वर्कर सीतादेवी विमला देवी, जयदेई तथा सोनिया मराठा आंगनवाड़ी कार्यकर्ता कृष्णा, उर्मिला, गंगा आदि सहित42 लोगों ने भाग लिया।