आवाज़ ए हिमाचल
सुमित शर्मा,परवाणू
20 सितंबर।औद्योगिक नगरी परवाणू में जीवित इंसान को तो सुविधाएं क्या मिलनी,यहां तो मरने के बाद मुर्दो को भी चैन नसीब नहीं हो पा रहा है। सेक्टर पांच स्थित रामबाग (शमशान घाट) की खस्ता हालत के चलते अपनी अंतिम यात्रा में निकले शव भी हिचकोले खाते हुए यहां पहुंचते है, अहम यह है कि बारिश के मौसम में शमशानघाट को जाते पूल में पानी इस कदर इकठ्ठा हो जाता है कि लोगों का वहां से गुजरना मुश्किल हो जाता है। ऐसे मे जीते जी परवाणू की सड़कों के गड्ढों से परेशान रहे मृतको की अंतिम यात्रा भी सुकून भरी नहीं हो पा रही है।
गौरतलब है की परवाणू के सेक्टर चार व परवाणू की तरफ से सेक्टर 5 इनर रोड के जरिए शमशानघाट जाने का रास्ता है।यूं तो परवाणू से सेक्टर पांच तक का रास्ता भी खस्ता है जोकि पीडब्ल्यूडी के अधीन है, लेकिन सेक्टर 5 शुरू होते ही शमशानघाट तक का रास्ता तो बेहद खस्ता हालत में है। दशहरा ग्राउंड के ठीक बाहर की सड़क को देखकर लगता है कि मानो यहां सड़क कभी थी ही नहीं। मृतक को ले जा रहा शव वाहन भी वहाँ से हिचकोले खाता हुआ गुजरता है। मानव कल्याण सभा के शव वाहन में व्यवस्थाए दुरुस्त है वरना प्राइवेट वाहन में शव ले जाना तो यहां असंभव सा ही है।
इसे परवाणूवासियो का दुर्भाग्य ही कहा जा सकता है की जीते जी तो दूर की बात मरने के बाद भी सुकून नसीब नहीं हो पा रहा है। इसका मुख्य कारण आईपीएच विभाग द्वारा किया जा रहा सिवरेज का कार्य है, लेकिन नगर परिषद परवाणू भी इस ओर मुह मोड़े बैठी है।
उधर, इस बारे नगर परिषद परवाणू के कार्यकारी अधिकारी अनुभव शर्मा ने बताया की अभी कुछ दिन पहले ही उक्त क्षेत्र का दौरा किया गया था, जिसमे आईंपीएच के ठेकेदार को बुलाया गया था। उन्होंने बरसात खत्म होते ही सड़कों की री-स्टोरेशन का काम शुरू करने का आश्वासन दिया है।