आवाज़ ए हिमाचल
शिमला। हिमाचल प्रदेश में स्कूल बसों में नियमों की अवहेलना करने वालों पर शिक्षा विभाग ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। स्कूल बस, टेंपो ट्रैवलर, वैन सहित अन्य वाहनों में ओवर लोडिंग व अन्य नियमों का पालन हुआ है या नहीं इस पर शिक्षा विभाग भी नजर रखेगा।
उच्चतर शिक्षा विभाग के निदेशक ने उपनिदेशक को पत्र लिखा है। कहा है कि स्कूल बसों की नियमित चेकिंग करें। परिवहन विभाग ने शिक्षा विभाग को इस संबंध में पत्र जारी किया था। इसमें सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के निर्देशों का हवाला दिया था।
विभाग ने उपनिदेशकों को कहा है कि वे अपने स्तर पर भी निगरानी रखें। स्कूल वाहन चाहे निजी स्कूल का हो या सरकारी स्कूल का इस पर पूरी नजर रखी जाए। तय क्षमता के अनुसार ही बच्चों को बिठाएं यह सुनिश्चित करें। वाहनों के अंदर व बाहर यह भी लिखना होगा कि वाहन में कितने लोगों के बैठने की क्षमता है। कितने बच्चे इसमें बैठ सकते हैं, ताकि अभिभावकों को इसकी जानकारी मिल सके। ओवर लोडिंग करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी और परमिट भी रद कर दिया जाएगा।
केंद्रीय टीम ने इस साल अप्रैल के पहले सप्ताह में राज्य के विभिन्न क्षेत्रों का दौरा किया था। मंत्रालय ने सुझाव में कहा था कि इसकी नियमित निगरानी होनी चाहिए। स्कूलों को बसें चलाने से पहले इनकी पासिंग करवाना अनिवार्य होगा। पासिंग व फिटनेस सर्टिफिकेट के बाद ही निजी स्कूलों को बस चलाने की अनुमति मिलेगी। बस को बिना स्पीड गवर्नर के पास नहीं किया जाएगा। खिड़कियों पर ग्रिल भी लगानी होगी। बसों में सीसीटीवी कैमरा व जीपीएस लगाना भी अनिवार्य किया है। स्कूल प्रबंधकों को अपनी व हायर की गई बसों पर गहरा पीला रंग सहित स्कूल का नाम, आगे और पीछे स्कूल बस व आन स्कूल ड्यूटी लिखना अनिवार्य होगा।
उपनिदेशक उच्चतर शिक्षा विभाग अशोक शर्मा का कहना है निदेशालय से पत्र प्राप्त हुआ है। स्कूलों को भी निर्देश दिए हैं कि हर वाहन मालिक को निर्देश दें कि नियमों का पालन करें। नियमित वाहनों की चेकिंग की जाएगी।