आवाज ए हिमाचल
बिट्टू सुर्यवंशी,धर्मशाला
17 दिसंबर। हिमाचल प्रदेश सरकार का बार-बार अपने फ़ैसले पलटने का सिलसिला लगातार जारी है ,जिसकी बजह से सरकार की छवि आम जन मानस में पलटू सरकार बन चुकी है।यह शब्द कांग्रेस के प्रवक्ता जितेंद्र शर्मा ने कहे।उन्होंने कहा कि न जाने कौन से दबाव में पहले जय राम की सरकार अचानक अजीबो गरीब फैसले लेती है और तुरंत उन्हें बदल डालती है Iइतनी जल्दी तो हिमाचल की आवों हवा भी नहीं बदलती, जितनी जल्दी ये सरकार फैसले करती है और उन्हें बदल डालती है ।जितेंद्र शर्मा कहा कि उदाहरण के लिए शिक्षा मंत्री का मई माह में ,सरकारी आदेश आया ,कि ग़ैर सरकारी स्कूल ,सिर्फ़ स्टूडेंट्स से ट्यूशन फ़ीस ही लेंगे और न जाने फिर दो माह पहले ,कौन सी मजबूरी में अपना ही फ़ैसला बदल डाला तथा कहा कि सभी अभिभावको को पिछली बकाया फ़ीस का भी भुगतान करना होगा,जिसकी वजह से सरकार के इस फ़ैसले की चहुं तरफ़ निंदा हुई ।
अभिभावको पर एक दम से बोझ पड़ गया और यह चिंता भी हो गई की कहीं स्कूल से उनके बच्चे का नाम ही न कट जाए ,उन्होंने आनन फ़ानन में इधर उधर से पैसों का प्रबंध करके ,बक़ाया फ़ीस की अदायगी की ,ताकि उनके बच्चों का साल ख़राब न हो जाए।अब दो दिन पहले शिक्षा मंत्री का सरकारी आदेश जारी हुआ कि अब एक बार फिर से सभी ग़ैर सरकारी संस्थाओं को सिर्फ़ ट्यूशन फ़ीस लेने की ही इजाज़त होगी ,इस बात से ,न केवल ग़ैर शिक्षा संस्थान संचालकों ,बल्कि अभिभावकों में भी ,सरकार द्वारा लिए जा रहे फ़ैसलों से ,तरह तरह की भ्रांतियां फैल रही हैं। कई ग़ैर सरकारी शिक्षा संस्थान दिसंबर माह में फ़ाइनल रिज़ल्ट निकाल देते है, और सारी साल की फ़ीस पहले ही ले चुक़े हैं ।शिक्षा मंत्री के नए आदेश में कहीं नहीं है ,कि उनकी अदा की फ़ीस वापस होगी या नहीं।अब न ही स्टूडेंट एवं उनके अभिभावक और न ही संस्थानों को चलाने वाले को सरकार के नित नए फैसलों पर भरोसा रहा है।
जितेंद्र शर्मा ने कहा कि उन्हें ये समझ ही नहीं आ रहा की सरकार को इतनी जल्द बाज़ी में अपने पहले आदेशों को बदलने क़ी ज़रूरत क्या आन पड़ी थी , जबकि सरकार को यह पता था कि कोविड 19 की बजह से बहुत से लोगों के रोज़गार प्रभावित हुए है और बहुत सारे तो बेरोज़गार हो गए है ।
शर्मा ने कहा कि अब इस पर कैसे यकीन हो की जो फ़ैसला आज लिया गया है, सरकार उस पर क़ायम भी रहेगी या नहीं । शिक्षा मंत्री के नित नए नए बदलते आदेशों से , अब लोग इस सरकार को ही पलटू सरकार का नाम दे रहे है ,जो कोई भी फ़ैसला लेने से पहले यह नहीं सोचती ,की उनके जल्दबाज़ी के बदलते फ़ैसलों से ,आम जनता पर क्या असर होगा ।सरकार के बदलते फ़ैसलों का प्रभाव ना केवल अभिभावको , शिक्षा संस्थान चालकों पर पड़ रहा है बल्कि इनकी बजह से बच्चों की पड़ाई भी प्रभावित हो रही है ।
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