आवाज ए हिमाचल
16दिसम्बर। प्रदेश में अब डेयरी फार्म और गोशाला खोलने के लिए राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की मंजूरी लेनी पड़ेगी। आबादी से दो सौ मीटर, अस्पताल और स्कूल से 500 मीटर की दूरी रखनी होगी। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने नई गाइडलाइंस बनाई हैं, जिन्हें राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने जारी कर दिया है। नए निर्देशों के अनुसार डेयरी फार्म और गोशाला का पंजीकरण स्थानीय निकायों में कराना जरूरी होगा।
इसके साथ ही बोर्ड को हर छह महीने में कम से कम दो डेयरी फार्म व दो गोशाला को क्रम रहित तरीके से चयनित कर पर्यावरण ऑडिट कर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को भेजना होगा। इसके अलावा ग्राम पंचायतों को बोर्ड के अधिकारी इस संबंध में प्रशिक्षण व सलाह भी देंगे, जिससे गाइडलाइंस का पालन हो सके। वहीं, इन गोशाला व डेयरी फार्म में ठोस कचरा प्रबंधन को लेकर भी निर्देश जारी किए गए हैं। कहा गया है कि वह परिसर को साफ रखने के साथ-साथ कचरे का नियमों के अनुसार निस्तारण करें। वहीं, गोबर से बायो गैस, वर्मीकंपोस्ट व ईंधन की तरह प्रयोग करने को लेकर भी कहा गया है। गोवंश के मूत्र को सीधे नाली, सीवर या जमीन में बहाने की बजाय उसको ट्रीट करना जरूरी होगा।